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कैंसर संस्थान का सच देखा तो त्योरियां चढ़ गयीं मंत्री की

कैंसर इंस्टीट्यूट निरीक्षण करते चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, उनके साथ है केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी योजनाओं के तहत बनने वाले पार्कों, संस्थानों के निर्माण में जनता की कमाई के धन को किस तरह लापरवाही के साथ खर्च किया गया है, इसका एक और उदाहरण आज यहां योगी आदित्यनाथ के सिपहसालार चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के कैंसर संस्थान के निरीक्षण में सामने आया। लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस अर्धनिर्मित कैंसर संस्थान को देखने के बाद श्री टंडन का कहना था कि जो स्थितियां है उसके हिसाब से यदि युद्धस्तर पर कार्य किया जायेगा तो कम से कम दो साल लगेंगे। श्री टंडन ने अगले तीन माह में सुचारुरूप से ओपीडी और कम से कम पांच माइनर ओटी शुरू करने के निर्देश दिये हैं।

आखिर उद्घाटन किस चीज का करा दिया गया : आशुतोष टंडन

अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री टंडन ने सोमवार 17 अप्रैल को सुबह साढ़े दस बजे चक गंजरिया स्थित पिछली सरकार द्वारा उद्घाटन किये जा चुके निर्माणाधीन कैंसर इंस्टीट्यूट का जायजा लिया तो उनके होश उड़ गये, निरीक्षण के दौरान बढ़ते कदमों के साथ उनके तेवर सख्त होते गये, माथे पर गुस्से की शिकन साफ देखी जा सकती थी। उनके साथ मौजूद थे किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति व कैंसर इंस्टीट्यूट के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एमएलबी भट्ट। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने स्थिति देखकर कहा कि आखिर किस चीज का उद्घाटन कर दिया गया, उन्होंने प्रश्न उठाया कि कैंसर इंस्टीट्यूट में रेडियोथेरेपी एक अनिवार्य अंग है लेकिन यहां पर इसका शुरू होना तो दूर इसकी शुरुआत के लिए लाइसेंस लेने के लिए अभी आवेदन तक नहीं किया गया है।

जनता की गाढ़ी कमाई से झूठी वाहवाही

ज्ञात हो इस संस्थान को बनने में करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत आयी है। संस्थान अभी पूरा बना भी नहीं है लेकिन वाहवाही लूटने के लिए दिसंबर 2016 में अधूरे संस्थान का उद्घाटन भी करा दिया गया। कैंसर संस्थान के निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार भी केजीएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. रविकांत को सौंपा गया था, पिछले दिनों प्रो रविकांत को एम्स ऋषिकेश का निदेशक बनाये जाने के बाद उन्होंने वहां ज्वॉइन कर लिया है तो संस्थान फिलहाल निदेशकविहीन हो गया है।  कार्यवाहक निदेशक के रूप में प्रो भट्ट हैं।

खामियां एक नहीं, बहुत सी हैं, दुरुस्त करने के निर्देश मैंने दिये हैं : मंत्री

श्री टंडन ने पत्रकारों से कहा है कि कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए अलग से निदेशक की नियुक्ति की जायेगी। उन्होंने कहा कि यहां 5 माइनर ओटी बनाए जाएंगे और अन्य मेडिकल स्टाफ की भी भर्ती की जायेगी।  उन्होंने कहा कि यहां इनडोर पेशेन्ट की तो दूर यहां आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट यानी ओपीडी भी ठीक से नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि मैंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि संस्थान मेंं जनता का इतना धन लगा है यहां किसी भी हालत में तीन माह में सुचारुरूप से ओपीडी चलाने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने बताया कि इसी तरह निर्देश दिये गये हैं कि माइनर ओटी की पांच इकाइयों, रेडियोलॉजी, एक्सरे इत्यादि को तुरंत शुरू किया जाये साथ ही पेशेंट वहां तक आ सकें इसके लिए बस आदि की व्यवस्था तत्काल शुरू की जाये।

उन्होंने कहा कि उधार के संसाधनों से कैंसर इंस्टीट्यूट नही चलेगा, संसाधनों की खरीद फरोख्त की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंंने बताया कि ओटी ब्लाक निर्माणाधीन है, इसमें 24 माड्यृलर ओटी होंगी, तैयार होने में समय लगेगा, इसीलिए पांच माइनर ओटी से काम शुरू करने को कहा गया है।

निर्माण कार्यों की कराई जायेगी जांच

श्री टंडन ने कहा कि बीते सालों में हुये विभाग में होने वाले निर्माण कार्य व खरीद फरोख्त में, शिकायत मिलने पर मामलों की जांच कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि मानकविपरीत और जनता के धन का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रतीत हुआ है कि बीती सरकार में निर्माण कार्यो को अधिक प्राथमिकता दी गई है। निर्माण कार्यो में घोर अनियमितताएं बरती गई हैं, सभी शिकायतों की जांच कराई जायेगी।

उन्होंने कहा कि बहुत सी खामियां हैं जिन्हें पूरा करने के लिए निर्देशित किया है, चिकित्सकों के आवास की व्यवस्था नहीं है, इसके लिए मैंने निर्देशित किया है। निरीक्षण के दौरान प्रो.भट्ट, चिकित्सा अधीक्षक प्रो.एचएस पाहवा, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा , डॉ.अनेजा व एमडी निर्माण निगम आदि अधिकारी मौजूद थे।

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