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डफरिन अस्पताल में टीकाकरण के बाद बच्ची की मौत

मौत का कारण जानने के लिए कराया पोस्टमार्टम, वैक्सीन की भी होगी जांच

लखनऊ। डफरिन अस्पताल में आज डेढ़ माह की बच्ची की मौत टीकाकरण के डेढ़ घंटे के अंदर हो गयी। परिवारीजनों के हंगामे के बाद बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराने का तथा वैक्सीन की जांच कराने का निर्णय लिया गया है। बच्ची के पिता का जहां आरोप है कि गलत इंजेक्शन के कारण उसकी बच्ची की मौत हो गयी वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि वैक्सीन में कोई खराबी नहीं थी क्योंकि उसी वैक्सीन से 55 अन्य बच्चों को भी टीका लगाया गया, और वे सभी ठीक हैं।

मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह करीब 11.15 बजे अरुण त्रिपाठी अपनी डेढ़ माह की बच्ची आराधिका के टीकाकरण के लिए डफरिन अस्पताल पहुंंचे थे, बच्ची को ओपीवी, आईपीवी की पहली खुराक के साथ ही पेंटा वेलेंट वैक्सीन का डोज दिया गया। इसके बाद अरुण बच्ची को लेकर घर चले गये। इसके करीब डेढ़ घंटे बाद 12.45 पर अरुण बेहोशी की हालत में बच्ची को लेकर पुन: अस्पताल पहुंचे जहां डॉ मोहित और डॉ फैजान ने बच्ची को चेक किया तो देखा कि उसकी सांसें थम चुकी थीं।

 

इसके बाद अरुण ने हंगामा करना शुरू कर दिया उसका कहना था कि बच्ची को गलत इंजेक्शन दिया गया है जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है, जबकि डॉक्टरों का कहना था कि वैक्सीन बाकी बच्चों को भी दी गयी है लेकिन उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। इसके बाद हंगामा बढ़ता देख अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ नीरा सक्सेना ने वजीरगंज थानाध्यक्ष को सूचना दी और मौत का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम कराने का फैसला किया।

 

दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीसी बाजपेई ने वैक्सीन में कोई खराबी न होने की बात कहते हुए बताया कि उसी वैक्सीन से 17 बच्चों को ओपीवी तथा 29 बच्चों को आईपीवी तथा 9 बच्चों को पेन्टा वैलेन्ट वैक्सीन लगायी गयी, और वे सभी बच्चे स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एमके सिंह एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रशासन द्वारा उपरोक्त वैक्सीन को परिवारीजन राजेश दुबे, एडवोकेट एवं चौकी प्रभारी रिवर बैंक कॉलोनी के समक्ष वैक्सीन को जांच के लिए सील कर दिया गया है।

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