आईआईटीआर में 2 से 4 सप्ताह तक शोध कार्य करेंगे नवोदित वैज्ञानिक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ और कानपुर के 19 छात्र-छात्राओं का औद्योगिक विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान में शोध कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चयन किया गया है। ये छात्र-छात्रायें संस्थान में दो से चार सप्ताह तक यहां शोध कार्य कर सकेंगे।
जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत कार्यशाला बी ए साइंटिस्ट आयोजित
सीआईएसआईआर-आईआईटीआर ने सफलतापूर्वक अपनी तरह की पहली कार्यशाला बी ए साइंटिस्ट का आयोजन किया। इसमें स्कूल के विद्यार्थियों को सीएसआईआर की पहल जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत वैज्ञानिक अनुसंधान का अनुभव करने के लिए प्रयोगशालाओं में एक दिन काम करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम के बाद, छात्रों को एपिक (पीपुल्स इनोवेशन एंड क्रिएटिविटी का सशक्तीकरण) प्रोग्राम में उनके नए विचारों के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी देने के लिए कहा गया।
लखनऊ के आंचलिक विज्ञान नगरी के निदेशक डॉ. राज मेहरोत्रा की अगुवाई तथा सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक प्रोफेसर आलोक धवन की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ समिति ने सभी प्रस्तुत प्रस्तावों का मूल्यांकन किया और 2 से 4 हफ्तों के शोध कार्यक्रम के लिए निम्नलिखित 19 विद्यार्थियों का चयन किया। जिन छात्र-छात्राओं का चयन किया गया वे हैं अरनव हजरा, आद्या शर्मा, आर्यन धवन, अक्षत मिश्रा, अप्रमेय आइयांगार, देविशी कपूर, कवीश श्रीवास्तव, कोहिना पांडे, मयूख रस्तोगी, प्रखर सक्सेना, रिया जोतवानी, शिनो ओमन, शिवांश जायसवाल, श्रेया शुक्ला, सैयद अली जिब्रान रिजवी, टूबा रिजवी, उत्कर्ष ओझा, यश निगम और योगेंद्र कुमार शर्मा।
12 स्कूलों के छात्र-छात्राओं का हुआ है चयन
ये चयनित छात्र लखनऊ और कानपुर के 12 स्कूलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये स्कूल हैं आर्मी पब्लिक स्कूल, सेंट्रल एकेडमी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर, ला मार्टिनियर कॉलेज, ला मार्टिनियर गल्र्स कॉलेज, महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल, स्प्रिंग डेल कॉलेज, सेंट क्लेयर कॉन्वेंट स्कूल, सेंट जॉर्ज कॉलेज, तथा यूनिटी कॉलेज।
ये नवोदित वैज्ञानिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पर्यावरण, भोजन और पानी से संबन्धित सामाजिक समस्याओं को सुलझाने के लिए उपकरणों को डिजाइन करने से लेकर स्मार्ट एप्लिकेशन तक नवीन समाधानों की खोज करेंगे।
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