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आईआईटीआर ने छात्रों को दी वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा

लखनऊ। सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान आईआईटीआर ने स्कूली छात्र-छात्राओं से विज्ञान के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि वे कुछ ऐसा शोध करें जो समाज के लिए उपयोगी हो।

विभिन्न स्कूलों के कक्षा 8 से 12 तक के बच्चों के लिए कार्यशाला आयोजित

आईआईटीआर  में गुरुवार को 8 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा तक के स्कूल के छात्रों के लिए बी ए साइंटिस्ट यानी वैज्ञानिक बनो पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में लखनऊ पब्लिक कॉलेज, ला मार्टिनियर गल्र्स कॉलेज, ला मार्टिनियर कॉलेज ब्वॉयज, लॉरेटो कॉलेज, विज्डम एज्युकेशनल एकेडमी, लखनऊ सिटी कॉलेज, यूनिटी कॉलेज, स्टडी हॉल, विद्या ट्री मॉडर्न वल्र्ड कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय अलीगंज, एआर जयपुरिया स्कूल, सेंट डॉमिनिक सेवियो कॉलेज, एमआर जयपुरिया स्कूल बंसल कैम्पस, सिटी मोंटेसरी स्कूल, सेक्टर-ओ, दिल्ली पब्लिक स्कूल, केवीआईआईटी कानपुर, एसटी क्लेर्स कॉन्वेंट स्कूल, क्राइस्ट चर्च कॉलेज लखनऊ के छात्रों ने भाग लिया।

समाज के हित वाला शोध करने का आह्वान

प्रमुख वैज्ञानिक डॉ देवेन्द्र परमार ने सभा का स्वागत किया और स्कूल के बच्चों के लिए पहल करने के लिए कार्यक्रम सीएसआईआर जिज्ञासा के बारे में बताया। संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर आलोक धवन ने इस दिन के छात्र वैज्ञानिकों को विज्ञान के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने के लिए प्रेरणात्मक विचारों और प्रेरणा के साथ संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे ऐसा शोध करें जो समाज के लिए उपयोगी हो। इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ आर पार्थसारथी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और इस कार्यक्रम को प्रायोजित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज और यूपीएएए का आभार प्रकट किया।

छात्र वैज्ञानिकों को दिखायी गयीं डीएनए की बारीकियां, मिलावट की जांच

संबंधित स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों ने उन्नत इमेजिंग सुविधा, कम्प्यूटेशनल टॉक्सीकोलॉजी सुविधा, ट्रांसलेशन सुविधा, खाद्य विषाक्तता और मिलावट और आणविक जीव विज्ञान की सुविधा को देखा और सीएसआईआर-आईआईटीआर के वैज्ञानिकों और अनुसंधान विद्वानों से बातचीत की। छात्रों को डीएनए आइसोलेशन, अणुओं और रसायनों का निर्माण और देखने, तेल में मिलावट / प्रदूषण का पता लगाने और और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी सुविधाओं को देखने और समझने का मौका मिला।

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