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जिलाधिकारी नजर रखें, ज्यादा दामों पर न बिके दवा

औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के आदेश जारी

लखनऊ। प्रमुख सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, हेमन्त राव ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने जनपद में दवा की बिक्री की दुकानों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करें, ताकि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दाम पर दवाइयां न बेची जा सकें।
श्री राव ने कहा कि यदि कोई दवा विक्रेता निर्धारित और अधिकतम मूल्य पर दवाओं को बेचता हुआ पाया जाय, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। राज्य सरकार द्वारा औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश-2013 के तहत निर्धारित अधिकतम/खुदरा मूल्य से अधिक पर दवाओं के विक्रय को प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसके तहत समस्त परगना मजिस्ट्रेट, समस्त अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) समस्त नगर मजिस्ट्रेट, औषधि निरीक्षक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी/उप मुख्य चिकित्साधिकारी तथा राजपत्रित श्रेणियों के समस्त पुलिस अधिकारियों को औषधि मूल्य निर्धारण हेतु जनपदों में सक्षम अधिकारी नामित किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि औषधियों के मूल्य का निर्धारण राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा किया जाता है।

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