बलरामपुृर अस्पताल में हिमोडायलिसिस यूनिट आरम्भ
लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां बलरामपुर चिकित्सालय में किडनी मरीजों के लिए स्थापित हिमोडायलिसिस यूनिट का शुभारम्भ किया।
रोजाना 30 मरीजों की होगी डायलिसिस
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमोडायलिसिस यूनिट की स्थापना हेरिटेज हॉस्पिटल लंका, वाराणसी के सहयोग से पीपीपी मॉडल के आधार पर की गई है। चिकित्सालय में इसका संचालन तीन शिफ्टों में किया जाएगा। प्रत्येक शिफ्ट में 10 रोगियों की डायलिसिस की जायेगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में रोगियों का पंजीकरण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। किडनी मरीजों के लिए यह सेवा बिल्कुल नि:शुल्क होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बलरामपुर चिकित्सालय प्रादेशिक चिकित्सा सेवाओं का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण चिकित्सालय है। प्रदेश सरकार द्वारा इस चिकित्सालय में हिमोडायलिसिस यूनिट की स्थापना कराया जाना बहुत ही सराहनीय कदम है। इससे लखनऊ के साथ ही समीपवर्ती जिलों के रोगियों को भी काफी लाभ होगा और उन्हें इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
समस्त जिला चिकित्सालयों में जल्द स्थापित होगी हिमोडायलिसिस यूनिट : स्वास्थ्य मंत्री
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में किडनी रोगियों हेतु डायलिसिस सेवा की और अधिक आवश्यकता है। इसके लिए जल्द ही समस्त जिला मुख्यालयों के चिकित्सालयों में हिमोडायलिसिस यूनिट की स्थापना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 18 जिला मुख्यालयों के चिकित्सालयों में हिमोडायलिसिस यूनिट की स्थापना कराई जा रही है। प्रदेश के पांच चिकित्सालयों में यह यूनिट स्थापित हो चुकी है, जबकि अन्य 13 चिकित्सालयों में इसकी स्थापना का कार्य त्वरित गति पर है। उन्होंने कहा कि किडनी रोग से औसतन प्रतिवर्ष 13 हजार लोग प्रभावित होते हैं। इनके इलाज हेतु कम से कम 4100 डायलिसिस मशीनों की आवश्यकता होती है।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री, डॉ. महेन्द्र सिंह, सचिव आलोक कुमार, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एमवाई सिद्दीकी सहित अस्पताल के चिकित्सक मौजूद थे।