लखनऊ। आजकल के मौसम यानी सर्दी के मौसम में खाने-पीने के लिए प्राय: लोग ज्यादा विचार नहीं करते हैं कि फलां चीज खायें कि न खायें। यह सोचकर कि सर्दी है सब हजम हो जायेगा, हम अपने पर काबू नहीं रख पाते हैं। लाजवाब गरमागरम फास्टफू ड, पकौड़े, हलुआ समेत तमाम खाद्य सामग्री देख हम अपनी नियमित दिनचर्या की सीमाआें को लांघ जाते हैं और अपने स्वास्थ मे विकार उत्पन्न कर लेते हैं। परिणामस्वरूप हम शारीरिक अस्वस्थता की चपेट में आ जाते हैं। खासकर छुट्टिïयों के दौरान हमारे खान-पान की मात्रा बढ़ जाती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि वजन बढऩे, शरीर में कई प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों के जमाव और कई शिकायतें पैदा हो जाती हैं।
स्वस्थ रहने के तरीके बताते हुए यहां गोमती नगर स्थित डॉ.राम मनोहर लोहिया अस्पताल के गे्रस्ट्रोफिजीशियन डॉ.अविनाश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि शरीर का डिटॉक्स जरूरी प्रक्रिया है। वैसे भी वर्तमान समय में हमारे भोजन में जहरीले पेस्टीसाइड, हर्बीसाइड और हेवी मेटल का प्रवेश हो चुका है। हम अपने आपको खुश रखने के लिए निरंतर जटिल जीवनचर्या अपनाते जा रहे हैं। हम तनाव से छुटकारा पाने के लिए ज्यादा पार्टी करते हैं। नए अविष्कारों और तकनीक के साथ हमारे जीवन में जहरीले पदार्थों रेडान एस्बेस्टस,कार्बन मोनोऑक्साइड और अज्ञात कर्सिनोजेन्स का समावेश होता जा रहा है जो कि शरीर के प्रत्येक अंग के डीटॉक्सीफिकेशन प्रक्रिया को चुनौतीर्पूण बना देता है। हम खाने में नए जमाने के फास्टफूड, ट्रांस फैट को गुड फैट की जगह प्राथमिकता देते हैं। आबादी का बड़ा हिस्सा इस तथ्य में विश्वास करता है कि लो फैट वाला खाना उन्हें अच्छी सेहत और सुंदर शरीर देगा जिसकी कि वे कल्पना करते आये हैं, जबकि सच्चाई यह है कि इसे हम डिटॉक्सीफिकेशन के बिना नहीं कर सकते।
कुछ अच्छी डाइट के टिप्स
1. सर्वप्रथम अपने दिन की शुरुआत ग्रीन टी के प्याले से करें, इससे आपके शरीर को धीरे धीरे जागृत अवस्था में लाने में मदद मिलेगी।
2. तेजी से चलें, इससे शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ेगा ।
3. योग क्रियाएं करें इससे शरीर को तेजी और गहराई से डीटॉक्सीफाई करने में मदद मिलेगी।
4. दिन में कई बार शुद्ध जल पियें साथ ही बीच-बीच मे गर्म पानी में नीबू निचोड़कर पीयें
5. शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को दुरुस्त रखने के लिए दिन भर में थोड़ी-थोड़ी देर पर 7-8 बार थोड़ी मात्रा में भोजन लें।