लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय शरीर के अलग-अलग भाग के लिए विश्वस्तरीय ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशियलिस्ट तैयार करेगा। यह घोषणा आज यहां चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो रविकांत ने विश्वविद्यालय के ऑर्थोपेडिक विभाग के 65वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर की। इनमें कंधों की शल्य क्रिया के विशेषज्ञ, जोड़ों की शल्य चिकित्सा के विशेषज्ञ तथा कमर की शल्य क्रिया के विशेषज्ञों को तैयार किया जायेगा।
प्रो रविकांत ने कहा कि हमें साधारण विशेषज्ञ नहीं तैयार करने हैं बल्कि ऐसे विशेषज्ञ तैयार करने हैं जो पश्चिमी देशों के सुपर स्पेशियलिस्ट अस्पतालों का मुकाबला कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे विशेषज्ञ तैयार करने हैं कि लोगों को कमर की सर्जरी कराने के लिए विदेश न जाना पड़े। हमें विश्वस्तरीय सुविधा यहीं उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें ऑथोपेडिक सर्जरी में अपनी क्षमता में सुधार और गुणवत्ता बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह हमें स्पोट्र्स मेडिसिन के ऊपर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय सुविधा देने के लिए हमें पैसों की आवश्यकता पड़ेगी जिसके लिए हमें विभिन्न कम्पनियों के सीएसआर फंड को लाने का प्रयास करना पड़ेगा, जिसके लिए हमें प्राइवेट सेक्टरों से मदद लेनी होगी।
समारोह में 9वां डॉ एएन श्रीवास्तव व्याख्यान डॉ दिलीप के सेन गुप्ता द्वारा दिया गया, व्याख्यान का विषय बच्चों और बुजुर्गों की पीठ में दर्द था। इस अवसर पर ऑर्थोपेडिक विभाग के हेड प्रो जीके सिंह के साथ ही प्रो विनीता दास, प्रो यूके जैन, प्रो ओपी सिंह, प्रो आरएन श्रीवास्तव सहित विश्वविद्यालय के कई विभागाध्यक्ष, चिकित्सा शिक्षक व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।