लखनऊ। मोटापे से ग्रस्त लोगों की बेरियाट्रिक सर्जरी न सिर्फ मोटापा घटाती है बल्कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिपे्रशन, दिल की बीमारी, जोड़ों का दर्द जैसी कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं। महिलाओं में सामान्य मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलती है। शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ता है जिससे शरीर की सक्रियता बढ़ती है।
हेल्थ सिटी में लगा नि:शुल्क जांच शिविर
यह कहना है मैक्स हॉस्पिटल नयी दिल्ली के सर्जरी एवं रोबोटिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ आशीष वशिष्ठ का। वह आज यहां हेल्थ सिटी ट्रॉमा सेंटर एवं सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हर्निया और मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए एक विशेष नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में आये लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस शिविर में आये मरीजों को मैक्स हॉस्पिटल नयी दिल्ली के सर्जरी एवं रोबोटिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ आशीष वशिष्ठ तथा लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ केबी जैन ने दोनों रोगों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से ऐसे रोगी ठीक हो सकते हैं। इस मौके पर ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, बीएमआई की जांच नि:शुल्क प्रदान की गयी तथा अन्य जांचों पर छूट प्रदान की गयी।
मोटापे से निपटने के बारे में डॉ वशिष्ठ ने बताया कि खानपान में अनियमितता के कारण मोटापा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि जीवनशैली बदलने और योग करने के बाद भी बहुत से लोगों को इससे राहत नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति का मोटापा मापने का पैमाना उस व्यक्ति की लम्बाई पर निर्भर है और अगर वजन सामान्य से कम से कम 30-40 किलोग्राम ज्यादा है तो ऐसे व्यक्ति का मोटापा घटाने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी एक अच्छा इलाज है।
80 फीसदी आमाशय काट दिया जाता है सर्जरी में
यह पूछने पर कि किस तरह से वजन घटता है तो उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में आमाशय के 80 फीसदी भाग को काटकर अलग कर दिया जाता है। इससे व्यक्ति का खाना काफी देर से पचता है, साथ ही भूख जगाने वाला कॉलेसिस्टॉकिनिन हार्मोन बनना भी बंद हो जाता है। इससे शरीर में जमा फैट ऊर्जा के रूप में खर्च होने लगता है और तेजी से आदमी पतला होने लगता है। उन्होंने बताया कि छह माह में धीरे-धीरे व्यक्ति का वजन 60 किलो तक घट जाता है। उन्होंने बताया कि पतला होने के साथ ही डायबिटीज पर नियंत्रण, ब्लड प्रेशर सामान्य करने, डिपे्रशन को कम करने में भी मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में सामान्य मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलती है। शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ता है जिससे सक्रियता बढ़ती है। जोड़ों का दर्द, दिल की बीमारी और हाईपरटेंशन जैसी समस्यायें भी दूर हो जाती हैं।
छेदों से अंगों के बाहर निकलने को कहते हैं हर्निया
डॉ जैन ने बताया कि इस चेकअप कैम्प का उद्देश्य हर्निया और मोटापे की बीमारियों से लोगों को जागरूक करना और उनकी जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव करना है। हार्निया के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शरीर के किसी भी सामान्य या असामान्य छेद से अंगों के बाहर निकलने को हर्निया कहते हैं। उन्होंने बताया कि हर्निया कई प्रकार के होते हैंं, इनमें इंग्वाइनल हर्निया, इन्सीजनल हर्निया, अम्बलिकल हर्निया, एपीगेस्ट्रिक हर्निया, हायटस हर्निया और ड्राईफेगमेटिक हर्निया शामिल हैं। इसके कारणों के बारे में उन्होंने बताया कि हर्निया होने का कोई विशेष कारण नहीं होता है हां यह जरूर है कि भारी वजन उठाना, लम्बे समय तक खांसी, पेशाब में रुकावट, पहले किसी तरह की सर्जरी होना, कब्ज, मोटापा, धूम्रपान, उम्र का बढऩा, कोलोजन डिसऑर्डर, लम्बे समय तक स्टेरॉयड लेना जैसे कारण इस रोग के होने में सहायक होते हैं।
हर्निया का उपचार है सर्जरी कराना
डॉ जैन ने बताया कि हर्निया का उपचार सर्जरी है। उन्होंने बताया कि सर्जरी चीरे से भी होती है और दूरबीन से भी होती है। सर्जरी के दौरान छेद बंद कर वहां मेश एक प्रकार की जाली लगा दी जाती है और उस जगह को मजबूत कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दूरबीन से जो सर्जरी होती है उसमें दर्द भी कम होता है, ठीक होने में समय भी कम लगता है साथ ही छेद में जो जाली लगायी जाती है वह अंदर से लगायी जाती है जिससे दोबारा हर्निया होने का खतरा कम रहता है जबकि चीरे से होने वाली सर्जरी में जाली बाहर से ही लगायी जाती है। चिकित्सकद्वय ने बताया कि हेल्थसिटी हॉस्पिटल में ये दोनों सर्जरी की जाती हैं। डॉ जैन ने बताया कि कोई भी व्यक्ति हॉस्पिटल के हेल्पलाइन नम्बर 9455335566 पर फोन करके जानकारी ले सकता है।