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डीएम-एमसीएच कर चुके एसआर बने सहायक आचार्य, पैरा क्‍लीनिकल वाले एसआर उदास

-एसजीपीजीआई में रेजीडेंट्स डॉक्‍टरों का आंदोलन समाप्‍त

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। संजय गांधी रेजीडेंट डॉक्‍टर्स एसोसिएशन का आंदोलन आज उस समय समाप्‍त हो गया जब शासन ने प्रदेश के सभी संस्‍थानों से डीएम और एमसीएच करने वाले डॉक्‍टरों का सेवाओं में विस्‍तार की स्थिति में असिस्‍टेंट प्रोफेसर का पद दिये जाने सम्‍बन्‍धी सहमति जताते हुए इसका आदेश कर दिया। हालांकि एमडी करने वाले पैरा क्‍लीनिकल सीनियर रेजीडेंट्स का कहना है कि उन्‍हें भी असिस्‍टेंट प्रोफेसर का पद दिया जाना चाहिये क्‍योंकि सीनियर रेजीडेंट्स के पद पर हमारी कार्य अवधि पूरी हो चुकी है। अब इस मुद्दे पर संस्‍थान प्रशासन और शासन में बात की जायेगी।  

रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष डॉ आकाश माथुर व महासचिव डॉ अनिल गंगवार ने बताया कि डीएम एमसीएच को असिस्‍टेंट प्रोफेसर न बनाये जाने के विरोध को लेकर चल रहा आंदोलन न्यायोचित मांगों पर शासन की सहमति के बाद समाप्‍त हो गया है, उन्‍होंने कहा कि पैरा क्‍लीनिकल में पीजी कर चुके सीनियर रेजीडेंट्स को भी असिस्‍टेंट प्रोफेसर पद दिये जाने को लेकर संस्‍थान प्रशासन और अन्‍य उच्‍चाधिकारियों से वार्ता की जायेगी।

डॉ माथुर ने बताया कि कल विभिन्न दौर की वार्ताओं में संस्थान के निदेशक के साथ रेजीडेंट्स ने विभिन्न मांगों को लेकर चर्चा की थी। इसके बाद निदेशक ने रेजीडेंट डॉक्‍टर्स की सभी मांगों से चिकित्सा शिक्षा मंत्री को अवगत कराया जिस पर मंत्री ने भी रेजीडेंट्स की सभी मांगों को जायज़ मानते हुए उन पर सहमति की मोहर लगा दी। उन्‍होंने बताया कि आज तड़के हुई बैठक में निदेशक ने रेजीडेंट डॉक्टर्स को शासन की स्वीकृति से अवगत कराते हुए डॉ. अनिल गंगवार का अनशन खत्म कराया।

डॉ गंगवार ने बताया कि रेजीडेंट डॉक्टर्स को सहायक आचार्य बनाये जाने के लिए आदेश भी शाम को जारी हो गए, सहायक आचार्य पद के अनुरूप मानदेय दिए जाने की अनुशंसा भी शासन से की गई है, जल्द ही उसके भी स्वीकृत होने की उम्मीद है।

उन्‍होंने बताया कि इस दौरान निदेशक का रुख रेजीडेंट्स के प्रति बेहद सकारात्मक रहा तथा शासन की ओर से मिले सहयोग के चलते रेजीडेंट्स की सभी मांगों को अक्षरशः स्वीकृति मिली। उन्‍होंने इस कड़ी में मीडिया के सभी वर्गों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

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