-अवध एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन के 5 दिसंबर से 7 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन AAPMRCON 2025 की शुरुआत


सेहत टाइम्स
लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अवध एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन के 5 दिसंबर से 7 दिसंबर तक आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन AAPMRCON 2025 की शुरुआत हो गई है।
संस्थान द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार पहले दिन पुनर्वास के मानवीय पक्ष को समझने, दिव्यांग खेलों की महत्ता को जानने और आधुनिक मस्तिष्क-उत्तेजन तकनीकों की उपयोगिता के बारे में सीखने सम्बन्धी जानकारी दी गई। इससे संबंधित तीन प्रमुख संगोष्ठियों—Essence of Rehabilitation, Boccia, और rTMS in Rehabilitation—ने देशभर से आए प्रतिभागियों को पुनर्वास चिकित्सा के आधुनिक, संवेदनशील और तकनीक-संचालित आयामों से अवगत कराया।
पुनर्वास के मानवीय पक्ष को समझने सम्बन्धी पहली संगोष्ठी का संचालन कैनी गोगिया, ऑटोलॉजिस्ट एवं होलिस्टिक हेल्थ कोच, द्वारा किया गया। उनके “Silent Scream” सत्र ने मरीजों की उन अनकही भावनात्मक चुनौतियों को उजागर किया जिन्हें वे बीमारी और दिव्यांगता के दौरान अक्सर व्यक्त नहीं कर पाते। इस सत्र में स्वास्थ्यकर्मियों को अधिक संवेदनशील, मानवीय और व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा मिली।
इसके पश्चात आयोजित पैनल चर्चा में दिल्ली (डॉ नोनिता गंगवानी, डॉ आभा खेत्रपाल, अरविंद दत्त अब्दाली), लखनऊ (शेखर सिंह, के पी मिश्र) और अन्य शहरों से आए प्रेरक वक्ताओं, चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दिव्यांगजन ने भाग लिया। इस प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. दिलीप कुमार, एवं प्रो. सुधीर मिश्रा, पीएमआर विभाग, केजीएमयू द्वारा की गई।
इसके बाद दूसरे सत्र में दिव्यांगजनों को पैरा-ओलंपिक खेल बोशिया Boccia का महत्व बताया गया। दूसरी संगोष्ठी का संचालन डॉ. अमित रंजन, सहायक प्रोफेसर, PMR, DrRMLIMS, द्वारा किया गया। उन्होंने Boccia: Sport for Persons with Disabilities विषय पर प्रस्तुति दी, जिसमें बोशिया खेल की पुनर्वास में भूमिका, मोटर कौशल में सुधार, निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास बढ़ाने और सामाजिक सहभागिता को सुदृढ़ करने पर विशेष चर्चा की गई।
इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. वी.एस. गोगिया, विभागाध्यक्ष PMR, DrRMLIMS, एवं डॉ. नीरज सिंह, विभागाध्यक्ष, PMR, MSDASMC, बहराइच द्वारा की गई।
तीसरी संगोष्ठी में चुंबकीय तरंगों से उपचार (Repetitive Transcranial Magnetic Stimulation) जैसे आधुनिक तकनीक-आधारित उपचार पर विस्तृत चर्चा हुई। इसकी संयोजक थीं, डॉ सारिका मिश्रा, सीनियर रेजिडेंट, PMR, DrRMLIMS. वक्ताओं में शामिल थे – प्रो. आयशा जुही, AIIMS देवघर, डॉ यशवीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर, DRRMLIMS, डॉ सारिका मिश्रा, सीनियर रेजिडेंट, PMR, DrRMLIMS और प्रो. विमल कुमार पालीवाल, प्रोफेसर, न्यूरोलॉजी, SGPGIMS, लखनऊ।
इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. अनिल कुमार गुप्ता, HoD PMR, KGMU, एवं डॉ. जावेद अहमद, UPUMS सैफई द्वारा की गई।
इस सत्र में rTMS मशीन का लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें समझाया गया कि यह तकनीक स्ट्रोक, सेरेब्रल पाल्सी, न्यूरोलॉजिकल विकार, क्रॉनिक दर्द और अवसाद जैसे मामलों में कैसे मदद करती है।
देशभर से आए चिकित्सकों, पुनर्वास विशेषज्ञों, मेडिकल विद्यार्थियों, एवं दिव्यांगजन रोगियों एवं विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से चर्चाओं में भाग लिया।
कल संगोष्ठी का दूसरे दिन का कार्यक्रम SGPGIMS, Apex Trauma Centre में होगा, जिसमें Hands-on MSK Ultrasound Workshop आयोजित की जाएगी। इसमें Dr Sidharth Rai, Dr Kanchan Sharma (जयपुर), Dr Harleen Uppal (sports injury center, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली), Dr Osama Neyaz (KGMU), और Dr Snigdha Mishra (DrRMLIMS) द्वारा प्रतिभागियों को Peripheral Nerve Ultrasound का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आयोजन अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वी.एस. गोगिया ने कहा कि प्रथम दिवस ने पुनर्वास के मूल सिद्धांतों और तकनीकी प्रगति दोनों का उत्कृष्ट सम्मिश्रण प्रस्तुत किया।
आयोजन सचिव डॉ. यशवीर सिंह ने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और मीडिया प्रतिनिधियों को धन्यवाद तथा आगामी सत्रों के लिए शुभकामनाएँ दीं।

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