Tuesday , October 17 2023

शिशु के जोड़ों व हड्डियों के विकार को जन्‍म के बाद ही पहचानने की जरूरत, ताकि देर न हो जाये…

-वर्ल्‍ड पीडियाट्रिक बोन एंड ज्‍वॉइन्‍ट डे पर केजीएमयू ने मनाया जागरूकता कार्यक्रम  

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। बच्चे के जन्म से या उसके बाद किसी कारणवश हुए हड्डी व जोड़ों में हुए विकार को न होने देने तथा अगर हो गया है तो शीघ्रातिशीघ्र उपचार के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि प्रसव के बाद शिशु के सम्‍पर्क में आने वाले चिकित्सकों को इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाए।

यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय सिंह ने विभाग द्वारा आज वर्ल्ड पीडियाट्रिक बोन एंड ज्वाइंट डे के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कही। उन्‍होंने कहा कि बच्चों के जोड़ों व हड्डियों में जो दिक्कतें होती हैं,  वे मां के गर्भ में विकसित होते समय से लेकर पैदा होने के बाद तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन के कारणों की अगर बात की जाए तो एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है, दूसरे कारणों में बच्चे की डिलीवरी कराते समय या बाद में किसी कारणवश उसकी हड्डी व जोड़ों में किसी प्रकार की चोट लगना हो सकता है।

डॉ अजय ने बताया कि‍ चूंकि शिशु स्‍वयं तो बता नहीं सकता है, इसलिए यह आवश्‍यक है कि बच्चे के संपर्क में आने वाले चिकित्सकों को इसकी जानकारी हो। विशेष प्रशिक्षण का लाभ यह होगा कि चिकित्‍सक को अगर बच्‍चे के जोड़ों व हड्डियों में कोई एबनॉर्मलिटी दिखेगी तो उसे आगे के इलाज के लिए हड्डी के स्‍पेशियलिस्‍ट के पास रेफर कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि इससे समय रहते जल्दी से जल्दी बच्चे की इस तकलीफ को दूर कर जहां उसे अंदरूनी शारीरिक कष्ट से बचाया जा सकेगा वहीं भविष्य में उस चोट के कारण होने वाली दिक्कतों से भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया इस समस्‍या को दूर करने के लिए जागरूकता विशेषकर चिकित्‍सकों और नीति निर्धारकों को जागरूक करने के लिए ही विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन द्वारा वर्ल्ड पीडियाट्रिक बोन एंड ज्वाइंट डे मनाने का फैसला लिया गया था।

प्रोफेसर अजय ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विभाग में मनाये गये इस दिवस पर माताओं को उनके शिशुओं के साथ शामिल किया गया था। उन्‍होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर बिपिन पुरी का आभार जताते हुए कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार, चिकित्‍सा अधीक्षक प्रो अब्बास अली मेंहदी, स्पोर्ट्स मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आशीष, डीपीएमआर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो अनिल गुप्ता का भी आभार जताया।