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ब्रेस्‍ट कैंसर से ठीक हुईं महिलायें पीड़ितों को दिखायेंगी इलाज का सही रास्‍ता

केजीएमयू में बनाया गया ब्रेस्‍ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एंडोक्राईन सर्जरी विभाग ने शनिवार को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने एवं इससे पीड़ित मरीजों को उपचार के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर एक अनूठी पहल की है।

 

एंडोक्राईन सर्जरी विभाग ने आज से ब्रेस्‍ट कैंसर से पीड़ित मरीजों एवं इस बीमारी का सफलतापूर्वक उपचार करा चुके सर्वाइवर्स को एक साझा मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ब्रेस्‍ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप का निर्माण किया है। शुरुआत में इस ग्रुप में 14 लोगों को जोड़ा गया है, जिसमें ब्रेस्‍ट कैंसर से पीड़ित नए एवं इस बीमारी से उबर चुके लोगों को जोड़ा गया है, जो इस बीमारी से जूझ रहे नए मरीजों को प्रेरित करने का काम करेंगी।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने कार्यक्रम में उपस्थित ब्रेस्‍ट कैंसर को हरा चुके लोगों को बधाई देते हुए उन्हें ब्रेस्‍ट कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए प्रेरणास्रोत्र बताया। उन्होंने  बताया कि देश में किसी अन्य कैंसर के मुकाबले ब्रेस्‍ट कैंसर के मरीजों की संख्या काफी अधिक है, प्रतिवर्ष डेढ़ लाख महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आती हैं।

 

कुलपति ने ब्रेस्‍ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप के माध्यम से इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को लाभान्वित किए जाने के इस सुविचार के लिए एंडोक्राईन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आनंद मिश्रा की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में इस ग्रुप के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक और लाभान्वित होंगे। उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि माताओं को कम से कम छह माह तक अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए, नियमित व्यायाम, वसायुक्त भोजन न करना तथा 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को ब्रेस्‍ट कैंसर की जांच अवश्य करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि स्तन में होने वाली लगभग 90 प्रतिशत गांठ कैंसर नहीं होती है लेकिन इसकी जांच करा लेनी चाहिए।

 

एंडोक्राईन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आनंद मिश्रा ने ब्रेस्‍ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर ब्रेस्‍ट कैंसर के मरीज जानकारी के अभाव में या भ्रांतियों के कारण उपचार बीच में ही छोड़ देते हैं। ऐसे मरीजों को जागरूक किए जाने एवं उनके माध्यम से दूसरी महिलाओं को ब्रेस्‍ट कैंसर के प्रति जागरूक एवं इस बीमारी से बचाव व उपचार की सही जानकारी उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से ब्रेस्‍ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप बनाने का निर्णय किया गया है।

 

डॉ आनंद मिश्रा ने बताया कि ब्रेस्‍ट कैंसर के 60 प्रतिशत मरीज उनके पास देर से उपचार के लिए आते है। ऐसा इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी तथा समाज में इसके प्रति फैली भ्रांतिया है। उन्होंने बताया कि इस ग्रुप के माध्यम से इस बीमारी से सफलतापूर्वक अपना उपचार करा चुके लोग नए मरीजों को इलाज बीच में न छोड़ देने की प्रेरणा देने के साथ ही अन्य लोगों को भी ब्रेस्‍ट कैंसर के प्रति जागरूक किए जाने का कार्य अपनी स्वेच्छा से करेंगे। डॉ आनंद मिश्रा ने बताया कि भविष्य में इस ग्रुप में अन्य कई प्रकार की गतिविधियों को शामिल किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को ब्रेस्‍ट कैंसर के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सके।

 

कार्यक्रम में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ रमाकांत, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पूजा रमाकांत ने भी ब्रेस्‍ट कैंसर के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर ट्रॉमा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी, एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ कुलरंजन, रेडियोथेरेपी विभाग की डॉ कीर्ति श्रीवास्तव मुख्य रूप से उपस्थित रहीं।