-स्वास्थ्य विभाग में अनियमित तबादलों के सम्बन्ध में इप्सेफ का मुख्यमंत्री से आग्रह
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि स्थानांतरण में दोषी अधिकारियों को दंडित करने के साथ नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण को निरस्त भी कराएं।
इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा ने कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से संबद्ध स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी संगठनों द्वारा आंदोलन किए जा रहे हैं जिसके अनुसार 20 जुलाई से 24 जुलाई तक काला फीता बांधकर स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जायेगा। उसके बाद 25 जुलाई को सीएमओ कार्यालय पर कर्मचारी धरना देंगे तथा 26 जुलाई से 30 जुलाई तक दो-दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे जिसमें सभी चिकित्सालयों में 2 घंटे कार्य स्थगित रहेगा।
मिश्र ने कहा कि स्थानांतरण नीति के विरुद्ध किए गए हैं स्थानांतरण के लिए उत्तरदाई अधिकारियों को तो दंडित किया जा रहा है परंतु पैरामेडिकल कर्मचारियों के स्थानांतरण का निरस्त करने की कार्यवाही नहीं की जा रही है। कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया जा रहा है और यह भी बताया गया है कि उनसे सरकारी आवास भी खाली कराए जा रहे हैं।
इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बताया कि यह कार्यवाही ऐसे कर्मचारियों के साथ की जा रही है जिन्होंने अपनी व परिवार की जान को दांव पर लगाकर कोविड-19 महामारी में मरीजों की सेवा की और इसी का परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश में यह बीमारी लगभग समाप्ति पर है और अब भी वे सेवा कर रहे हैं।
डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों के गलत स्थानांतरण के कारण चिकित्सालयों में कार्य ठप है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ब्रजेश पाठक से आग्रह किया है कि चिकित्सालयों में सामान्य स्थिति लाने के लिए तत्काल निर्णय लेते हुए परिषद के पदाधिकारियों के साथ वार्ता आहूत कर शीघ्र समस्या का निदान कराएं।
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