Tuesday , April 23 2024

राजकीय आश्रम विद्यालय की 24 छात्राएं जब हुईं बीमार, तब असलियत आयी बाहर

सरकार के हर माह लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी खाने से लेकर हर चीज में अव्यवस्था, ADM दी तीन दिनों में सुधार की चेतावनी    

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के एक राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय पर सरकार द्वारा हर माह लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद यहाँ पढ़ने वाली छात्राओं की सेहत से खिलवाड़ करने का मामला सामने आया है. पिछले लम्बे समय से प्रबंधन की लापरवाही का शिकार हो रही छात्राओं के बीमार पड़ने पर वहां की पोल खुली. विद्यालय को तीन दिन में व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी गयी है.

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंगलवार को विद्यालय में हलवा खाने के बाद तकरीबन 24 छात्राएं बीमार हो गईं। हालत गंभीर होने पर कुछ छात्राओं को निजी चिकित्सक के यहां उपचार के लिए भर्ती कराया गया। सूचना मिलते ही एडीएम व एसडीएम सदर विद्यालय पहुंच गए। छात्राओं ने दोनों अधिकारियों से विद्यालय में फैली अराजकता की शिकायत की। पता चला है कि गुणवत्तापरक भोजन न मिलने के विरोध में कुछ छात्राओं ने भूख हड़ताल भी कर रखी है। एडीएम ने जिम्मेदारों को तीन दिन के अंदर व्यवस्था में सुधार लाने की चेतावनी दी है। उन्होंने भोजन छोड़ने वाली छात्राओं को समझाया-बुझाया।

 

मिली जानकारी के अनुसार बहराइच-नानपारा हाईवे पर रिसियामोड़ स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में 354 छात्राएं पंजीकृत हैं। विद्यालय की छात्राओं को रहने से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था पर हर माह सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है। इसके बाद भी उनकी सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। सुबह छात्राओं को नाश्ते में हलवा परोसा गया। इसे खाकर लगभग 24 छात्राएं बीमार हो गईं।

 

खबर है कि मामले को दबाने के लिए विद्यालय प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को सूचना नहीं दी। लेकिन जब चार छात्राओं की हालत गंभीर हो गयी तो उन्हें निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया। इसके बाद ही दूषित हलवा खाकर छात्राओं के बीमार होने का मामला उजागर हुआ। सूचना मिलते ही एडीएम राम सुरेश, एसडीएम जुबेर बेग के साथ विद्यालय पहुंच गए। छात्राओं ने एडीएम को बताया कि उन्हें भोजन में कीड़े, दाल व सब्जी कम होने पर नल से पानी मिलाकर परोस दिया जाता है। भोजन बेस्वाद रहता है। एक माह का समय पूरा होने के बाद भी छात्राओं का न तो ड्रेस दी गयी और न ही जूता, मोजा, तेल, साबुन, कंघा आदि जरूरी सामान उन्हें उपलब्ध कराया गया है।

 

जानकारी में आया है कि विद्यालय में तैनात फार्मासिस्ट आलोक तिवारी हर मर्ज की एक दवा ही देते रहते हैं। अधिकारियों की जांच में फार्मासिस्ट गायब मिले। विद्यालय में पीने के लिए जो पानी छात्राओं को मुहैया कराया जाता है वह भी प्रदूषित होता है। छात्राओं की बात सुनकर एडीएम ने प्रधानाचार्य अरुण कुमार मिश्रा को फटकार लगाई। एडीएम ने तीन दिनों के भीतर व्यवस्था को दुरस्त करने का निर्देश दिए। एडीएम ने बताया कि मामले की जांच की गई है। रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। डीएम के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.