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प्रकृति के इस इशारे को हमें गंभीरता से लेना होगा (सेहत सुझाव-3)

कोरोना संक्रमण काल से गुजरने के दौरान इससे सबक लेते हुए हमें आगे के जीवन में क्‍या-क्‍या सावधानियां बरतनी होंगी, अपनी जीवन शैली में क्‍या सुधार लाना होगा, इसे लेकर ‘सेहत टाइम्‍स‘ ने सेहत सुझाव देने की अपील करते हुए अपने प्रिय पाठकों से सुझाव मांगे थे। हमें खुशी है इस पर हमें सम्‍मानित पाठकों के विचार और सुझाव मिल रहे हैं, इसके लिए ‘सेहत टाइम्‍स‘ पाठकों का धन्‍यवाद अदा करता है।

लता श्रीवास्तव कृष्णा नगर, लखनऊ, उत्‍तर प्रदेश (भारत)

कोरोना वायरस से जिंदगी की जंग में सभी को यह एहसास हो गया है कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाना कितना महत्वपूर्ण है। स्वस्थ जीवन शैली के मुख्य चार पहलू हैं- आहार, विचार व्यायाम और आध्यात्मिक सोच। आहार में हमें यह ध्यान रखना होगा कि हमें उचित समय पर और उचित मात्रा में सादा और पौष्टिक भोजन करना चाहिए इसके अलावा हमें सही समय पर सोना और जागना चाहिए। अब आती है विचारों की बात हमें अपने विचारों को भी स्वस्थ रखना होगा। अच्छे विचारों से हमारा मस्तिष्क शांत रहता है जिसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। तीसरा पहलू है व्यायाम जिसके बिना हम स्वस्थ जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।

हमारा जीवन कितना भी व्यस्त क्यों न हो हमें अपने लिए 30 मिनट का समय निकालना ही होगा। अंत में बात आती है आध्यात्मिक सोच की, इससे मेरा अभिप्राय है कि हमें कभी यह नहीं भूलना चाहिए कि यह सृष्टि मानवता पर टिकी है, अतः हमें अपने कर्मों को सुचारु रूप से करते हुए हमेशा यह ध्यान रखना होगा कि एक अदृश्य शक्ति है जो इस सृष्टि की रचयिता है इसलिए प्रकृति से खिलवाड़ का परिणाम सुखद नहीं होगा। प्रकृति के इस इशारे को हमें गंभीरता से लेना होगा और आने वाले भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।