Sunday , December 8 2024

चेतावनी : आईसीएमआर से मंजूर नहीं है प्‍लाज्‍मा थेरेपी, अंधाधुंध प्रयोग न करें

-प्‍लाज्‍मा थेरेपी को लेकर भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने कहा, थोड़ी सी लापरवाही हो सकती है खतरनाक

-केजीएमयू में भी 26 अप्रैल को शुरू किया जा चुका है प्‍लाज्‍मा थेरेपी से इलाज

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

नयी दिल्‍ली/ लखनऊ। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव लव अग्रवाल ने सचेत करते हुए कहा है किकोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के इलाज के लिए अपनायी जा रही प्‍लाज्‍मा थेरेपी को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने अभी मंजूर नहीं किया है, सिर्फ इसके ट्रायल की बात की है, इसलिए इसका अंधाधुंध इस्‍तेमाल करना ठीक नहीं है।

आपको बता दें कि दो दिन पूर्व 26 अप्रैल को उत्‍तर प्रदेश में किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) में पहली बार इसकी शुरुआत हो चुकी है। यही नहीं इस थेरेपी से उत्‍साहित केजीएमयू के कुलपति और उनकी टीम ने कोरोना को मात दे चुके लोगों से प्‍लाज्‍मा दान करने की अपील भी की है। दरअसल कोरोना वायरस से निपटने को लेकर प्लाज्मा थेरेपी को उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने मरीजों को यह थेरेपी देनी शुरू भी कर दी है।

माना यह जा रहा है कि इस थेरेपी को लेकर अनेक स्‍थानों पर किये जा रहे प्रयोग की खबरों के बाद भारत सरकार ने इसे संज्ञान लिया है, और स्‍पष्‍ट किया है कि यह अभी ट्रायल फेज है, इसे फाइनल मान लेना जल्‍दबाजी होगी, इसीलिये आईसीएमआर ने भी अभी फाइनल संस्‍तुति नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को इसको लेकर सचेत करते हुए कहा है कि इस थेरेपी को अभी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च  की ओर से मंजूर नहीं किया गया है। इसे अभी केवल ट्रायल और रिसर्च के रूप में आजमाया जा सकता है। गाइडलाइंस को ठीक से पालन नहीं किया गया तो यह खतरनाक भी हो सकता है।    

उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस के इलाज को लेकर अभी दुनिया में प्लाज्मा थेरेपी सहित कोई अनुमोदित थेरेपी नहीं है। प्‍लाज्‍मा थेरेपी अभी प्रयोग के स्तर पर ही है। इसको लेकर कोई सबूत नहीं है कि इसका ट्रीटमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अमेरिका में भी इसे एक्सपेरिमेंट के रूप में ही लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आईसीएमआर ने एक राष्‍ट्रीय अध्‍ययन को लॉन्च किया है। इसके तहत प्लाज्मा थेरेपी के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। जब तक यह पूरा नहीं हो जाता और आईसीएमआर मंजूरी नहीं देता, इसका इस्तेमाल रिसर्च और ट्रायल के रूप में ही करें। लव अग्रवाल ने कहा कि यदि हम प्लाज्मा थेरेपी को सही तरीके और गाइडलाइन के तहत न करें तो मरीज के जीवन को खतरा हो सकता है। जब तक इसका प्रभाव सिद्ध नहीं हो जाता है और अप्रूव नहीं हो जाता तब तक इसको लेकर कोई दावा किया जाना गलत है। कहीं भी इस प्रकार का प्रयोग अवैध है, इससे मरीजों की जान को खतरा हो सकता