295वें स्थान पर युगऋषि सम्पूर्ण वांग्मय साहित्य स्थापित
लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत आई0ए0एस0 की कोचिंग प्रयत्न आई.ए.एस. लखनऊ के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 78 खण्ड वांग्मय साहित्य की स्थापना की गयी। इसी के साथ गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 295वें स्थान पर युगऋषि सम्पूर्ण वांग्मय साहित्य स्थापित हो गया।
यह जानकारी देते हुए अभियान के संयोजक उमानंद शर्मा ने बताया कि यह वाङ्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट की सक्रिय कार्यकत्री बीपी सविता एवं तुलसीराम ने अपने स्वर्गीय माता-पिता शिवनाथ याग्निक एवं रामकुंवरि शर्मा की स्मृति में संस्थान के पुस्तकालय को वांग्मय साहित्य भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को अंग्रेजी एवं हिन्दी की एक-एक अखण्ड ज्योति पत्रिका तथा ‘‘हारिये न हिम्मत’’ नामक पाकेट बुक भेंट की गयी।
इस अवसर पर गायत्री तपोभूमि मथुरा के वरिष्ठ प्रतिनिधि राममुरारी गुप्ता ने ऋषि संदेश दिया उपजोन प्रभारी केके भारद्वाज, शिक्षाविद् बीपी सविता ने अपने विचार रखे। वांग्मय स्थापना के मुख्य संयोजक उमानन्द शर्मा ने वांग्मय साहित्य के महत्त्व पर प्रकाश डाला एवं डॉ नरेन्द्र देव ने छात्र-छात्राओं को निरोगी जीवन जीने के ऋषि सूत्र दिये तथा गायत्री मंत्र के वैज्ञानिक स्वरूप की जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ नरेन्द्र देव, अनिल भटनागर, उमानंद शर्मा, बीपी सविता, केके भारद्वाज संस्थान के निदेशक इं0 अनमोल सहित शिक्षक/शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।