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तुलसी की पत्तियां खाद्य पदार्थों को बचायेंगी सूर्यग्रहण के दुष्‍प्रभाव से

-आयुर्वेद विशेषज्ञों की सलाह, सूर्यग्रहण के दुष्‍प्रभावों से बचने के लिए करें ये उपाय

सेहत टाइम्‍स  

लखनऊ। अब से चंद घंटों बाद आंशिक सूर्यग्रहण पड़ रहा है। कई देशों में दिखायी देने वाला यह सूर्यग्रहण भारत में भी दिखायी देगा। स्‍वास्‍थ्‍य के दृष्टिकोण से सूर्यग्रहण के चलते पड़ने वाले दुष्‍प्रभावों से बचाव के लिए तुलसी की पत्तियां बहुत उपयोगी हैं। इन्‍हें बनाये हुए खाद्य पदार्थों में डाल दें तो ग्रहण के दौरान निकलने वाली नुकसानदायक किरणों से उस खाद्य पदार्थ को सुरक्षित रखा जा सकता है। लखनऊ में सायं 4.38 से सायं 5.24 तक सूर्यग्रहण होगा जबकि पूरे भारत में सायं 4.29 से सायं 5.42 तक यह सूर्यग्रहण लगेगा।

इस बारे में ‘सेहत टाइम्‍स’ ने आयुर्वेद विशेषज्ञों से बात की, उन्‍होंने तुलसी की पत्तियों के खाद्य पदार्थों में ग्रहण से पहले ही डालने की सलाह दी। राजकीय आयु‍र्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रकाश सक्‍सेना ने बताया कि आयुर्वेद में तुलसी के महत्‍व का विस्‍तार से वर्णन दिया गया है। इसका उपयोग हमेशा हमें अनेक‍ बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इसीलिए इसे रोजाना चाय, प्रसाद आदि में इस्‍तेमाल किया जाता है। आध्‍यात्मिक दृष्टि से भी इसे महत्‍वपूर्ण माना गया है और बाकायदा इसकी पूजा का विधान है। जहां तक सूर्यग्रहण के दौरान खाने-पीने की वस्‍तुओं में इसके उपयोग की बात है तो यह बिल्‍कुल सही है, इसे खाने-पीने की वस्‍तुओं में पहले से ही डाल कर रख दें, ऐसा करने से हम दूषित किरणों के दुष्‍प्रभाव को उस खाद्य पदार्थ पर होने से रोक सकते हैं।

डॉ शिव शंकर त्रिपाठी

उत्‍तर प्रदेश राजभवन के पूर्व प्रभारी चिकित्‍साधिकारी (आयुर्वेद) डॉ शिव शंकर त्रिपाठी ‘राजवैद्य’ ने इस विषय में विस्‍तार से जानकारी देते हुए बताया कि आदिकाल से तुलसी हमारे जीवन के लिए अत्‍यन्‍त महत्‍वपूर्ण रही है, इसका वर्णन अथर्व वेद में भी किया गया है। हमारे पूर्वजों ने इसे धार्मिक महत्‍ता से जोड़ा ताकि इसका पौधा व्‍यक्ति अपने घर में लगाये और इसकी पूजा करें, तुलसी का प्रयोग प्रसाद में भी किया जाता है, जिससे प्रसाद के बहाने ही गुणों की खान तुलसी हमारे शरीर में पहुंच जाये। तुलसी का पौधा पहले आंगन में लगाया जाता था जिससे इसकी ऊर्जा घर के अंदर चारों ओर मिले, लेकिन आज तुलसी हमारे घर के आंगन से हटकर छत पर पहुंच गयी है। यही वजह है कि हमें तरह-तरह की बीमारियों ने घेर लिया है।

डॉ त्रिपाठी ने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर बात करें तो तुलसी की पत्‍ती में एंटी वायरल, एंटी बैक्‍टीरियल, एंटी ऑक्‍सीडेंट और एंटी एलर्जिक प्रॉपर्टीज होती हैं। इसके सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी अच्‍छा असर पड़ता है। इसके साथ ही तुलसी में पारा, आर्सेनिक जैसे तत्‍व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्‍यक हैं ये शरीर के अंदर विषैले पदार्थों को समाप्‍त करने में सहायक है।

उन्‍होंने कहा कि सूर्यग्रहण के 12 घंटे पूर्व सूतक लग जाता है, उन्‍होंने कहा कि खाने-पीने की चीजों में सूतक काल से पूर्व ही तुलसी की पत्तियों को डाल दें, यदि पहले नहीं डाल पाये हैं तो सूतक काल के दौरान भी खाने-पीने की वस्‍तुओं में तुलसी की पत्तियां डाल सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि तुलसी की पत्तियों को डालने से सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणों के दुष्‍प्रभाव से उस खाद्य पदार्थ को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि सामान्‍यत: सूर्यग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिये।  गर्भवती स्त्रियां विशेषरूप से अपना ध्‍यान रखें, जहां तक हो घर से बाहर न निकलें। उन्‍होंने कहा कि सभी के लिए यह सलाह है कि ग्रहण के दौरान जहां तक हो ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रभु का नाम लें, भजन करें।

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