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अमृतसर में रावण दहन देख रही भीड़ पर रेलगाड़ी चढ़ी, 50 की मौत,  बढ़ सकती है मरने वालों की संख्‍या

शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार लापरवाही के चलते हुआ दुखद हादसा

दशहरा के मौके पर पंजाब के अमृतसर से बड़े रेल हादसे की खबर है। पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन कई लोगों को रौंदते हुआ चली गई। उप जिलाधिकारी राजेश शर्मा ने हादसे में अभी तक 50 लोगों के मरने की पुष्टि की है। इसके अलावा कई लोग घायल हुए हैं, हादसे में मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है। दशहरा देख रहे लोगों पर ट्रेन चढ़़ी है। रेलवे ट्रैक के बगल के मैदान पर हो रहे रावण दहन के कार्यक्रम के दौरान हुए हादसे से सबका दिल दहल गया है। चश्‍मदीदों के मुताबिक इस कार्यक्रम में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्‍नी नवजोत कौर सिद्दू शामिल होने आयी थीं इस हादसे के बाद नवजोत कौर वहां से चली गयीं, इस बात को लेकर लोगों में आक्रोश है, हालांकि नवजोत कौर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इस हादसे पर राजनीति नहीं होनी चाहिये, रेल ट्रैक के पास इस स्‍थान पर हमेशा से दशहरा मनाया जाता रहा है। पुलिस प्रशासन की ओर से हालांकि अभी यह साफ किया गया है कि कार्यक्रम की परमीशन ली गयी थी अथवा नहीं।

जानकारी के मुताबिक रावण के पुतले में आग लगते ही वहां जमा भीड़ भाग खड़ी हुई और लोग ट्रैक पर आ गए. इसी दौरान पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन ट्रैक पर आए लोगों को काटती चली गई. चश्मदीदों के मुताबिक चारों तरह क्षत-विक्षत शव नजर आ रहे हैं और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. फिलहाल मौके पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और एंबुलेंस पहुंच गई हैं, राहत और बचाव का काम किया जा रहा.

 

स्थानीय पुलिस के मुताबिक हादसा अमृतसर के जौड़ा फाटक पर हुआ है। हादसा उस वक्त हुआ जब रेलवे ट्रैक के समीप राणव का पुतला जलाया जा रहा था। पुतला दहन देखने के लिए ट्रैक के पास भारी संख्या में लोग खड़े थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रेन लोगों की भीड़ पर चढ़ गई। हादसे के बाद मौके पर भगदड़ मच गई। भगदड़ में भी कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।

हादसे के वक्त वहां मौजूद लोगों ने बताया कि उनकी आंखों के सामने ट्रेन लोगों को रौंदते हुए चली गई। चश्मदीदों की मानें तो ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी। कहा जा रहा है कि दशहरा जैसे पर्व पर रेलवे या स्थानीय प्रशासन को रेलवे ट्रैक के समीप चौकसी बरतनी चाहिए। इसके अलावा कहा जा रहा है कि रावण का पुतला दहन रेलवे ट्रैक से काफी दूरी पर होना चाहिए, स्थानीय प्रशासन ने सावधानी नहीं बरती। रेलवे फाटक रावण दहन के दौरान बंद कर देना चाहिए था तथा भीड़ के हटने के बाद ट्रेन को ग्रीन सिग्नल देना चाहिए था। यह भी कहा जा रहा है कि मौके पर मौजूद सुरक्षा तंत्र की घोर अनदेखी के कारण कई लोगों की जान गई।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रावण के पुतले में आग लगते ही वहां जमा भीड़ भाग खड़ी हुई और लोग ट्रैक पर आ गए. इसी दौरान पठानकोट से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन ट्रैक पर आए लोगों को काटती चली गई। यही नहीं बताया जा रहा है कि लोग रेलवे ट्रैक पर आकर खड़े हो गये थे तथा कुछ लोग सेल्‍फी भी ले रहे थे।

 

मौके पर मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक रावण दहन के कार्यक्रम में अमृतसर के सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू में भी मौजूद थीं और चश्मदीदों का आरोप है कि हादसे के बाद मौके से नवजोत कौर तुरंत फरार हो गईं. स्थानीय लोगों ने कौर की इस हरकत में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया है।

ट्रैक के आसपास खून से लथपथ लाशें बिखरी पड़ी हुई हैं। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद बता रहे हैं कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए इसकी रफ्तार कम होनी चाहिए. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।

घटनास्थल के पास काफी लोग एकत्रित हो गए हैं और स्वजनों की तलाश कर रहे हैं. मौके पर चारों तरफ लोगों के रोने-बिलखने की तस्वीरें देखी जा सकती हैं. मौके पर बचाव दल पहुंच गया है. बड़े पैमाने पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है.

5-5 लाख के मुआवजे का ऐलान

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मुआवजे का ऐलान किया है. अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा कि राहत कार्य का जायजा लेने शनिवार को खुद अमृतसर जा रहा हूं. पंजाब सरकार ने मरने वालों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा और इसके लिए जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव और एडीजी (कानून व्यवस्था) को अमृतसर जाने के निर्देश दिए हैं। राजस्व मंत्री अमृतसर के लिए निकल चुके हैं. सीएम खुद भी घायलों का हाल-चाल लेने शनिवार को वहां पहुंचेंगे।