-पांच शताब्दियों बाद अयोध्या में जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में मनायी गयी राम नवमी

सेहत टाइम्स
लखनऊ/अयोध्या। आज (17 अप्रैल) विक्रम सम्वत 2081 के चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी, अभिजीत मुहूर्त, न बहुत गर्मी और न ही ठंडक, मद्धिम बहती बयार, ठीक मध्यान्ह 12 बजते ही भगवान भास्कर की किरणें अयोध्या में जन्मभूमि पर बने मंदिर में बीती 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठित हुए प्रभु श्रीराम के विग्रह के मस्तक पर पड़ीं तो गर्भगृह का नजारा भक्तजनों को रोमांचित कर गया। सूर्यवंशी भगवान राम के ललाट पर जैसे ही सूर्य की किरणें पहुंची, रामलला की आभा दमकने लगी। ऐसे लगा मानो सूर्य प्रभु श्री राम को जन्मोत्सव के मौके पर नमस्कार कर रहे हों।
गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस में यह वर्णन किया है कि प्रभु श्री राम के प्रकट होने के बाद सूर्य देवता ने उनका तिलक किया था ऐसे ही पल की कल्पना करते हुए आज के वैज्ञानिक युग में इसरो की मदद से जन्मभूमि पर बने प्रभु श्री राम के मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित विग्रह के मस्तक पर सूर्य का तिलक लगाने की व्यवस्था की गई थी जिसके तहत मंदिर के तीसरे तल से पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों से पाइप और दर्पण की सहायता से भगवान श्री राम के मस्तक पर सूर्य की किरणों से अभिषेक किया गया। सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ी और दर्पण से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश करते हुए वहां पर लगे दूसरे दर्पण से टकराकर यह किरण 90 डिग्री पर परावर्तित हो गई इसके पश्चात पीतल की पाइप से जाते हुए तीन और लेंस से होकर गुजरी और लंबे पाइप के गर्भ गृह में लगे शीशे से टकराने के बाद सूर्य की किरणों ने सीधे प्रभु श्री राम के मस्तिष्क पर गोलाकार तिलक लगाया इस दिव्य नजारे को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सूर्य अभिषेक की घड़ी का बेसब्री से इंतजार था उन्होंने भी यह नजारा इंटरनेट की मदद से टैबलेट पर देखा। यह अवसर था जन-जन में बसे प्रभु श्रीराम के प्राकट्य उत्सव राम नवमी के पर्व का। कहते हैं कि श्री रामचरित मानस में प्रभु श्रीराम के धरती पर अवतार लेने के समय जिस प्रकार के मौसम का वर्णन किया गया है, वैसा ही वातावरण आज भी था।
असम की रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राम जन्मोत्सव का समय होते ही रैली में ‘सियावर रामचंद्र की जय’ का जयकारा लगाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में हमारे रामलला विराजमान हो चुके हैं. रामनवमी के इस उत्सव में आज अयोध्या एक अप्रतिम आनंद में है। पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमें यह रामनवमी अयोध्या में इस तरह मनाने का सौभाग्य मिला है। यह देशवासियों की इतने वर्षों की कठिन तपस्या, त्याग और बलिदान का सुफल है।
मिली रिपोर्ट के अनुसार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि सूर्य तिलक के दौरान भक्तों को राम मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी गई। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट की ओर से लगभग 100 एलईडी और सरकार की ओर से 50 एलईडी लगाई गई। इसमें रामनवमी समारोह को दिखाया गया। मंदिर परिसर के आसपास मौजूद लोग इससे उत्सव देखकर भाव विह्वल हो गए। आसमान साफ होने की स्थिति में इस प्रक्रिया को आसानी से पूरा कराया गया।
 
 

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