-संजय गांधी पीजीआई के कोरोना हॉस्पिटल का मामला
-निदेशक के निर्देश, किसी भी कर्मी की नहीं होगी चेकिंग
-बस की चेकिंग भी कर्मियों के बैठने से पहले की जायेगी

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में मंगलवार रात को चेकिंग के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को गार्डों द्वारा बस से उतारने को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने हंगामा किया। इनका कहना था कि कर्मचारियों पर इस तरह से शक करना, बस से उतारकर उनकी उनकी चेकिंग करना अपमानजनक है। फिलहाल संस्थान के निदेशक ने स्पष्ट निर्देश दे दिये हैं कि किसी भी कर्मचारी की चेकिंग नहीं होगी, कर्मचारियों को ले जाने वाली बस की भी चेकिंग कर्मचारियों के बस में बैठने से पहले ही की जाये, कर्मचारियों के बैठने के बाद नहीं।


मिली जानकारी के अनुसार संस्थान के राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में ड्यूटी करने के बाद रात्रि करीब 9 बजे जब स्टाफ वापस जाने के लिए बस में बैठ गया था, तभी वहां कई गार्ड आये और उन्होंने सबसे बस से उतरने को कहा कि हमें चेकिंग करनी है। मौके पर अन्य नर्सों के साथ ड्यूटी करके निकली संस्थान की नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन (एनएसए) की अध्यक्ष सीमा शुक्ला भी वहीं मौजूद थीं, उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि हम लोग यहां दो जोड़ी कपड़ों में ड्यूटी करने आते हैं, हम लोग चोर दिखते हैं क्या, सारे कर्मचारी पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। सीमा शुक्ला ने कहा कि शादीशुदा होने के बाद भी न चूड़ी, न बिंदी कुछ लगा कर नहीं आते कि न जाने किस चीज से इन्फेक्शन घर तक पहुंच जाये। उनका कहना था कि यदि चोरी पकड़नी है तो सीसीटीवी कैमरे में देखिये कौन क्या चोरी कर रहा है, कहां चोरी हो रही है। काफी देर यह हंगामा चलता रहा। इस बीच सीमा शुक्ला ने फोन पर अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि सिर्फ बस की चेकिंग के लिए कहा गया है, किसी व्यक्ति की नहीं।
आपको बता दें कि दो दिन पूर्व बस में कुछ चोरी का सामान मिला था, इसके बाद ही गाड़ी की चेंकिंग के आदेश दिये गये थे। इस बारे में सेहत टाइम्स ने संस्थान के निदेशक प्रो आरके धीमन से बात की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेरे संज्ञान में घटना है, मैंने स्पष्ट निर्देश दे दिये हैं कि किसी भी स्वास्थ्य कर्मी चाहें वह डॉक्टर हो या नर्स या कोई और, किसी की भी चेकिंग नहीं होगी। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही बस की चेकिंग के आदेश दिये गये हैं, क्योंकि उससे एक दिन पहले अस्पताल का कुछ सामान बस में पाया गया था। उन्होंने कहा कि यह भी निर्देश दे दिये गये हैं कि बस की चेकिंग भी स्वास्थ्य कर्मियों के गाड़ी में बैठने से पहले की जायेगी, बाद में नहीं।
निदेशक ने बताया कि पिछले दिनों अस्पताल से मरीजों के तीमारदारों ने भी सामान चोरी की शिकायत की थी, इसके बाद से व्यवस्था बना दी गयी है कि मरीज के साथ जाने वाले सामान की लिस्ट बना ली जाती है, चूंकि मरीज के साथ एक मोबाइल की अनुमति है तो उसके मोबाइल का नम्बर आईएमईआई नम्बर सहित नोट कर लिया जाता है, ऐसे में चोरी होने पर देखा जाता है कि वही मोबाइल है या दूसरा तो नहीं है।
