केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में हुई सर्जरी, सरिया घुसने का शिकार हुआ बच्चा भी अब स्वस्थ, मिली अस्पताल से छुट्टी

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में एक और युवक की गरदन में पेंचकस घुसने का मामला सामने आया, डॉक्टरों ने करीब साढ़े पांच घंटे की प्लानिंग के बाद ऑपरेशन शुरू किया तथा घुसे हुए पेंचकस को सुरक्षित रूप से निकाल कर मरीज की जान बचा ली। दूसरी ओर बीती 9 अप्रैल को जिस बच्चे का ऑपरेशन कर के घुसी हुई सरिया निकाली गयी थी उसे भी आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
ज्ञात हो सीतापुर निवासी मजदूर अजीम का तीन वर्षीय बेटा नदीम मड़ियांव में एक निर्माणाधीन भवन से गिर गया था जिससे उसकी जांघ से नीचे की तरफ से सरिया घुसकर जांघ की दूसरी तरफ निकलने के बाद पेट में घुसते हुए पीठ से निकल गयी थी। उसका ऑपरेशन उसी दिन रात में करके सरिया को सुरक्षित तरीके से निकाल दिया गया था, बच्चा तब से वह भर्ती था। नदीम अब पूरी तरह से ठीक है तथा उसे छुट्टी दे दी गयी है।

युवक को पेंचकस घुसने की घटना के बारे में ऑपरेशन करने वाले ट्रॉमा सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ समीर मिश्र ने बताया कि मूलरूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला 30 वर्षीय शाह आलम मजदूर है और यहां काम के सिलसिले में आया था। उन्होंने बताया कि शाह आलम का किसी से झगड़ा हो गया था जिसमें दूसरे व्यक्ति ने उसकी गर्दन पर पीछे से पेंचकस मार दिया जो कि उसकी गर्दन में करीब चार इंच अंदर घुस गया था। डॉ समीर ने बताया कि मरीज जब ट्रॉमा सेंटर पहुंचा तो जांच में देखा गया कि पेंचकस गरदन में स्पाइन में घुसा हुआ था।
उन्होंने बताया कि हम लोगों के सामने बड़ी चुनौती यह थी कि ऑपरेशन के समय मरीज को फालिज न मार जाये, इन्हीं सब बातों पर करीब 11 बजे शुरू हुई चर्चा साढ़े चार बजे तक चली। इसके बाद करीब एक घंटे की सर्जरी के बाद बहुत अच्छे तरीके से स्पाइन को बचाते हुए पेंचकस निकाल लिया गया। इसके बाद अगले दिन 20 अप्रैल को मरीज ने घर जाने की इच्छा जतायी तो उसे छुट्टी दे दी गयी। डॉ समीर ने बताया कि सर्जरी करने वालों में उनके साथ डॉ अनीता, डॉ यादवेन्द्र शामिल रहे।

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