-संस्थान में अत्यन्त किफायती दरों पर आम मरीजों को मिल सकेगी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा
सेहत टाइम्स
लखनऊ। केजीएमयू में 9 मई को हुई इनगुइनल हर्निया की रोबोटिक सर्जरी के मरीज को फिट होने के बाद आज 10 मई को छुट्टी दे दी गयी। ऑपरेशन करने वाली टीम में प्रोफेसर डॉ हरविंदर सिंह पाहवा, डॉ अजय कुमार पाल एडिशनल प्रोफेसर और डॉ हर्ष रेजिडेंट डॉक्टर के साथ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ विनोद श्रीवास्तव और टीम शामिल थी। मरीज को उसके लक्षणों से राहत मिल गई है और ओपीडी में उसका इलाज जारी रहेगा।

मीडिया प्रवक्ता डॉ केके सिंह द्वारा विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में हर्निया (इनगुइनल और वेंट्रल) के साथ-साथ अन्य नियमित और जटिल न्यूनतम पहुंच सर्जरी के लिए रोबोटिक सर्जिकल प्रणाली का उपयोग बढ़ा है। वर्तमान में उनका उपयोग मुख्य रूप से बड़े निजी अस्पतालों और सरकारी संस्थानों के कुछ केंद्रों तक ही सीमित है क्योंकि खर्च अधिक है। केजीएमयू के लिए यह गर्व की बात है और आम जनता के लिए किफायती नैदानिक देखभाल के साथ चिकित्सा शिक्षा में इसकी लंबी विरासत को देखते हुए एक नए युग की शुरुआत है। यह कम लागत वाली भारतीय रोबोटिक सर्जिकल प्रणाली मंत्रा केजीएमयू में कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद और उनकी विशेषज्ञ टीम के प्रयासों से स्थापित की गई है और यह कार्डियोथोरेसिक सर्जन के स्वामित्व वाली एक भारतीय कंपनी एसएसआई मंत्रा से है और इसके अलावा, इस रोबोटिक सर्जिकल प्रणाली का उपयोग सीडीएससीओ द्वारा टेली-सर्जरी के लिए अनुमोदित है।
उन्होंने कहा कि यह रोबोटिक सर्जिकल प्रणाली भविष्य में स्नातकोत्तर छात्रों के आगे के प्रशिक्षण और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए भी सहायक होगी। हालाँकि शुरुआती कुछ मामलों में रोगियों की बिना किसी अतिरिक्त लागत के सर्जरी की जा रही है, भविष्य में रोबोटिक सर्जरी का लाभ उठाने के लिए अत्यधिक रियायती लागत लागू की जाएगी। रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम के उपयोग के लाभ में सर्जरी के दौरान बढ़ी हुई सटीकता, बेहतर 3 डी दृष्टि और बेहतर एर्गोनॉमिक्स शामिल हैं।
