-केंद्रीय बजट के पिटारे से निकली घोषणाओं पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को पेश किये गये देश के आम बजट में की गयी घोषणाओं पर देशभर में प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। हर वर्ग के लोग अपने-अपने प्रकार से इस पर व्याख्या कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कर्मचारी संगठनों की बात करें तो उनमें भी बजट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है।
एसजीपीजीआई कर्मियों ने किया बजट का स्वागत
केंद्रीय बजट संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ के महामंत्री धर्मेश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत यूनियन बजट में देश के लगभग सभी तबके के लोगों को सौगात दी गई है, खासकर बजट में नौकरी पेशा वेतन भोगी कर्मचारियों का विशेष ध्यान रखते हुए उनको आयकर में फायदा दिया गया है जिसका नौकरीपेशा मध्यमवर्गीय जनमानस इंतजार कर रहा था। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम वित्त मंत्री और केंद्र सरकार को धन्यवाद प्रेषित करते हैं। इसी प्रकार संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सतीश कुमार मिश्रा ने भी आयकर में छूट में बढ़ोतरी के केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इसका स्वागत किया है।
पुरानी पेंशन बहाली न कर निराश किया
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने केंद्र सरकार के बजट में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा न किए जाने के कारण बजट को कर्मचारी हितों के प्रतिकूल बताया है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा और प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए,10 लाख तक की आय तथा पेंशन को आयकर से मुक्त किया जाए, लेकिन कर्मचारियों की इन मांगों पर बजट में कोई घोषणा नहीं की गई, इसलिए कर्मचारियों के लिए यह बजट आशा के विपरीत रहा है, हालांकि बजट में टैक्स फ्री इनकम को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख किया जाना थोड़ा राहत जरूर देगा। परिषद ने कहा कि मेडिकल रीइंबर्समेंट (चिकित्सा प्रतिपूर्ति) को टैक्स फ्री किया जाना चाहिए क्योंकि यह किए हुए व्यय की प्रतिपूर्ति है इसलिए यह इनकम का पार्ट नहीं हो सकता। परिषद ने स्थाई रोजगार सृजन की दिशा में कोई योजना न होने पर भी चिंता व्यक्त की है परिषद के अनुसार निजी करण की योजनाएं कभी भी देश हित में नहीं हो सकती इसलिए सरकार को स्थाई रोजगार की दिशा में बजट बढ़ाना चाहिए।
फार्मा क्षेत्र को वरीयता दिया जाना स्वागतयोग्य
सुनील यादव जो अध्यक्ष फार्मेसिस्ट फेडरेशन एवं पूर्व चेयरमैन स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश हैं, ने यह भी कहा है कि बजट में फार्मा क्षेत्र को वरीयता दिया जाना स्वागत योग्य कदम है, उन्होंने कहा है कि बजट में फार्मा रिसर्च में निवेश को बढ़ाने तथा रिनोवेशन को प्राथमिकता देने की घोषणा वित्त मंत्री द्वारा की गई है, इससे रोजगार का सृजन होगा वहीं फार्मा उद्योग और फार्मेसी क्षेत्र के योग्य लोगों की मदद से जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और विकास करेगा।
इप्सेफ ने जतायी नाराजगी
इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र, महासचिव प्रेमचंद एवं राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने बजट में 7 लाख तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को आयकर में मुक्त रखने का निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इप्सेफ ने 10 लाख तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को आयकर से मुक्त रखने, पुरानी पेंशन की बहाली की मांग की थी, परंतु पूरा न करने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से पुनः आग्रह किया है कि बजट में इप्सेफ की मांग के अनुसार संशोधन करें ।