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आध्‍यात्‍म और ध्‍यान की गंगा में डुबकी लगाकर नयी ऊर्जा के साथ लौटे चिकित्‍सक

हीलिंग ऑफ हीलर्स के उद्देश्‍य से ब्रह्मकुमारीज संस्‍थान करता है आयोजन

लखनऊ। हीलिंग ऑफ हीलर्स की संकल्‍पना को निभाते हुए प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्‍वरीय विश्‍वविद्यालय ने एक बार फि‍र चिकित्‍सकों को रिफ्रेश कर दिया। माउंट आबू के ज्ञान सरोवर में आयोजित चार दिवसीय 38वीं कॉन्‍फ्रेंस में देश-विदेश के चिकित्‍सक अपने-अपने माइंड-बॉडी को ब्रह्मकुमारीज की दिव्‍य ज्ञान चिकित्‍सा से स्‍वस्‍थ कर अपने-अपने कर्मस्‍थलों की ओर नयी ऊर्जा के साथ वापस हो लिये। इस दिव्‍य चिकित्‍सा को पाने के लिए लखनऊ से भी अनेक चिकित्‍सक गये थे। इसका आयो‍जन 6 सितम्‍बर से 9 सितम्‍बर तक किया गया।  चार दिन चली कॉन्‍फ्रेंस सुबह चार बजे शुरू होती थी और रा‍त्रि 8 बजे तक चलती थी, इसका समापन सोमवार सुबह हुआ।

कॉन्फ्रेंस में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर्स के मध्य आध्यत्मिक पहलुओं की चर्चा की गई स्वास्थ्य की परिभाषा में शारीरिक मानसिक और सामाजिक आयामों के साथ आध्यात्मिक महत्व को बताया गया कि किस प्रकार आप की सकारात्मक सोच का अच्छा प्रभाव आप के शरीर पर पड़ता है, विशेष रूप से जीवन चर्या से जुड़ी गैर संचारी रोगों के नियंत्रण में आप की सोच का बहुत प्रभाव पड़ता है।

आपको बता दें कि एक चिकित्‍सक जो लोगों की चिकित्‍सा करता है, उस चिकित्‍सक को मानसिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्‍वरीय विश्‍वविद्यालय हर वर्ष एक कॉन्‍फ्रेंस आयोजित करता है। लखनऊ से जो चिकित्‍सक इस कॉन्‍फ्रेंस में भाग लेने गये थे उनमें केजीएमयू के डॉ विनोद जैन, डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव, डॉ राजेश अरोड़ा, डॉ एके सचान, डॉ गीतिका, डॉ रीमा कुमारी, डॉ निशि श्रीवास्तव, डॉ पीके गुप्ता, डॉ एके श्रीवास्तव एवं डॉ अलका शामिल थीं।

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