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सांस की नली के दुर्लभ कैंसर की बिना बाईपास, बिना वेंटीलेटर की सफल सर्जरी

-केजीएमयू में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में किया गया ऑपरेशन

-एडेनॉयड सिस्टिक कार्सिनोमा नामक कैंसर से ग्रस्त था युवक

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में चिकित्सकों ने सांस की नली से लगभग पाँच सेंटीमीटर के दुर्लभ कैंसर का बिना बाईपास और वेंटिलेटर के ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की है।

यह जानकारी देते हुए सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शिव राजन ने बताया कि बीती 20 दिसम्बर, 2024 को उनके विभाग में 30 वर्ष के महाराजगंज, लखनऊ के निवासी का सांस की नली के दुर्लभ कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया। मरीज़ को बहुत ही दुर्लभ प्रकार का कैंसर (एडेनॉयड सिस्टिक कार्सिनोमा) था जो कि दस लाख में से एक होता है। यह सांस की नली (ट्रेकिआ) के विभाजन पर था।

उन्होंने बताया कि सांस की नली गले से छाती तक जाती है। जहाँ जाकर यह दाएं और बाएँ फेफड़े में सांस को लेकर जाती है। इस ऑपरेशन में दायां फेफड़ा और सांस की नली के दोनों विभाजन (कैरीना) को निकाला गया है। इसके बाद शेष बचे हुए बाएँ फेफड़े को पुनः सांस नली से जोड़ा गया है। ऑपरेशन समाप्त होने पर मरीज़ को बेहोशी से बाहर लाया गया और बिना वेंटिलेटर के मरीज़ को आई.सी.यू. में डॉ वेद प्रकाश की टीम की देखरेख में रखा गया। 24 घंटे बाद मरीज़ को वार्ड में शिफ्ट किया गया और छठे दिन मरीज़ को बिना किसी दिक्कत के छुट्टी देकर अपने घर भेजा गया।

उन्होंने बताया कि यह एक बहुत नाजुक ऑपरेशन होता है, यह भी सुनिश्चित करना होता है कि बिना संक्रमण के नया जोड़ न तो सांस के रास्ते को पतला करे और न ही उसमें से हवा लीक हो। कैंसर सर्जन की टीम में मुख्य सर्जन प्रो. शिव राजन तथा विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार रहे। बेहोशी की टीम में मुख्य विभागाध्यक्ष प्रो. मोनिका कोहली, प्रो. अजय चौधरी और डॉ. अभिषेक शामिल थे। वैस्कुलर सर्जन प्रो. अम्बरीश तथा मेडिसिन से प्रो. डी. हिमांशु शामिल थे। नर्सिंग टीम से अमित, मीनाक्षी, मेनका और सुनील का योगदान रहा।

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