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विद्यार्थी व़ अध्यापक दोनों मिलकर नवनिर्माण के आपद धर्म को निभायें

सम्पूर्ण 78 खण्डों का वांग्मय साहित्य स्थापना अभियान का 309वां सेट स्‍थापित

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत जगपती शीतला प्रसाद ट्रेनिंग एवं लॉ कालेज, बरसावां, नरसण्डा, सुलतानपुर के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 78 खण्डों का वांग्मय साहित्य स्थापित किया गया। विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान का यह 309वां सेट है।

 

यह वांग्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर के सक्रिय कार्यकर्ता बीपी सविता ने अपने पूज्य माता-पिता की स्मृति में संस्थान को भेंट किया साथ-साथ अभियान के मुख्‍य संयोजक उमानंद शर्मा ने छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक/शिक्षिकाओं एक-एक अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की।

उमानंद शर्मा ने वांग्‍मय साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपने पूर्वजों की स्मृति में किया जाने वाला ज्ञानदान एक श्रेष्ठ कार्य है ऋषि साहित्य छात्र-छात्राओं को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है।

 

इस अवसर पर बीपी सविता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज युग निर्माण की बेला है ऐसे में विद्यार्थी और अध्यापक दोनों मिलकर नवनिर्माण के आपद धर्म को निभायें और राष्ट्र निर्माण के पुण्य के भागीदार बने। अपने माता-पिता की स्मृति में ज्ञान-दान करते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि यह ऋषि साहित्य एक ऐसे संस्थान में प्रतिष्ठत हो रहा है जो भविष्य में समाज निर्माण के लिए आलोक स्तम्भ का कार्य करेगा। सभी छात्र-छात्रायें ऋषि साहित्य को अपने जीवन में उतार कर और जन-जन तक पहुंचाकर इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में अपने को उपस्थित करने, करवाने का श्रेय सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं।

 

संस्थान के प्रबन्धक वरिष्ठ शिक्षा विद् राम उजागर शुक्ला ने अपने विचार रखते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं का जीवन ऋषि साहित्य से परिष्कृत होगा, मानवीय गरिमा का बोध करायेगा।

 

इस अवसर पर वांग्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा, राम उजागर शुक्ला, बीपी सविता सहित संस्थान के अधिकारीगण, सभी शिक्षक/शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।