-21 नवम्बर के पत्र में एम्स, नयी दिल्ली के समान भत्तों पर लगाया है प्रश्नचिन्ह
-राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की भत्तों को लागू कराने की मांग

सेहत टाइम्स


लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की भांति 1 जुलाई 2017 से गैर संकायी अधिकारियों और कर्मचारियों को हॉस्पिटल पेशेंट केयर भत्ता, द्विभाषीय प्रोत्साहन भत्ता और वर्दी भत्ता दिये जाने की मांग करते हुए विशेष सचिव के उस पत्र पर नाराजगी जतायी है जिसमें उन्होंने एम्स के समान दिये जाने वाले भत्तों के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। महासंघ ने इस सम्बन्ध में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे लागू कराने की मांग करते हुए लिखा है कि यदि भत्तों को लागू नहीं किया गया तो कभी भी कार्य बहिष्कार किया जा सकता है।
महासंघ के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार यादव और महामंत्री धर्मेश कुमार ने लिखे अपने पत्र में कहा है कि वर्ष 2019 के पश्चात एम्स नयी दिल्ली द्वारा सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर ग्रुप ए एवं बी को हॉस्पिटल पेशेन्ट केयर भत्ता, मिनिस्टीरियल व सेक्रेटिरियल कार्मिकों को द्विभाषीय प्रोत्साहन भत्ता और पात्र कार्मिकों को वर्दी भत्ता स्वीकृत किये गये हैं। इन्हीं के आधार पर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संस्थान के समस्त शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों, अधिकारियों, संकाय सदस्यों को एम्स नयी दिल्ली की समतुल्यता प्रदान करते हुए वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव के 21 नवम्बर, 2022 के पत्र में एम्स के समान भत्तों को दिये जाने के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करना हास्यास्पद है, इसे लेकर कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है। पत्र में कहा गया है कि अगर तीनों भत्तों को संस्थान में अविलम्ब लागू नहीं किया गया तो संस्थान के कर्मियों के द्वारा कभी भी कार्य बहिष्कार किया जा सकता है।
