-जांच, ऑपरेशन के नाम पर निजी खातों में की जा रही वसूली पर लगाम लगाने की कोशिश
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में दलालों व धोखेबाजों द्वारा हॉस्पिटल में जमा करने के नाम पर अपने पर्सनल एकाउन्ट में मरीजों व उनके तीमारदारों से पैसा लेने के केसेज आने के बाद संस्थान प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए मरीजों व तीमारदारों से कहा है कि संस्थान द्वारा बताए गए किसी भी प्रकार की जांच अथवा अन्य शुल्क जमा करने के लिए संस्थान में बने लेखा काउण्टर पर ही जमा करें और उसकी रसीद अवश्य प्राप्त कर लें ।
संस्थान ने कहा है कि मरीज या तीमारदार द्वारा किसी निजी खाते में पैसा ट्रांसफर किये जाने पर उसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन की नहीं होगी।
संस्थान प्रशासन द्वारा चेतावनी देते हुए कहा गया है कि जो कोई भी इस प्रकार के कृत्य में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी। संस्थान के समस्त डाक्टर, नर्सेज व अन्य कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वह रोगियों//तीमारदारों को ऐसे घोटालों में फंसने से बचाने के लिए उन्हें आगाह करें।
पत्र में कहा गया है कि चिकित्सालय प्रशासन के संज्ञान में आया था कि कतिपय दलालों/धोखेबाजों द्वारा रोगियों के तीमारदारों को संस्थान के कर्मचारी बन झांसे से जांच व ऑपरेशन से संबंधित सामग्री की खरीद-फरोख्त के लिए फोन द्वारा निजी खातों में पैसा ट्रांसफर करने का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस दिशा में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किये गये हैं।