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मील का पत्‍थर : संजय गांधी पीजीआई में शुरू हुई रोबोटिक सर्जरी

यूपी में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा वाला पहला संस्‍थान

30 करोड़ की लागत से स्‍थापित हुआ रोबोट सर्जरी सेंटर

आशुतोष टंडन ने किया उद्घाटन, प्रो कपूर के खाते में बड़ी उपलब्धि

करीब डेढ़ लाख रुपये में हो जायेगी अनेक लाभ वाली यह सर्जरी

निदेशक प्रो राकेश कपूर

 

लखनऊ। वर्ष 2019 के मई माह की 8 तारीख उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई संस्‍थान में उपलब्‍ध चिकित्‍सा सुविधाओं के दृष्टिकोण से एक मील का पत्‍थर लेकर आयी। शनिवार को संस्‍थान में सर्जरी की दुनिया की नवीनतम पद्धति रोबोटिक सर्जरी की स्‍थापना हो गयी। 30 करोड़ रुपये की लागत से स्‍थापित रो‍बोटिक सर्जरी सुविधा का उद्घाटन प्रदेश के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने किया। इस सुविधा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि करीब डेढ़ लाख रुपये में रोबोटिक सर्जरी हो जायेगी जो कि प्राइवेट के मुकाबले लगभग आधा खर्च है।

प्रो अमित अग्रवाल

अपने सम्‍बोधन में उन्‍होंने कहा कि मैं मरीजों को पहले तो ये शुभकामनायें देता हूं कि वे स्‍वस्‍थ रहें उन्‍हें यहां आने की जरूरत न पड़े लेकिन यह शरीर है और डॉक्‍टर से लेकर हम लोग तक साधारण व्‍यक्ति तक बीमार होते ही है इसलिए अगर यहां आना पड़े तो जो लोग यहां आयें उन्‍हें चिकित्‍सीय व्‍यवस्‍था से लाभ मिले यही चाहता हूं।

चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन

उन्‍होंने कहा कि एसजीपीजीआई प्रदेश के चिकित्‍सा शिक्षा विभाग का सबसे गौरवशाली संस्‍थान है, और मुझे लगता है कि पूरे देश में किसी भी राज्‍य सरकार का चिकित्‍सीय संस्‍थान इतने कीर्तिमान स्‍थापित नहीं कर सका है जितने एसजीपीजीआई ने किये हैं। लोगों का विश्‍वास भी पीजीआई के प्रति बहुत है, यहां तक कि आसपास के राज्‍य के लोग भी सीधे पीजीआई चले आते हैं इसके कारण पीजीआई पर लोड भी बहुत है। उन्‍होंने कहा कि इसका अंदाजा मुझकों इसलिए भी है कि जब लोग यहां आते हैं तो पता चलता है कि बेड खाली नहीं हैं, फि‍र लोग ऐसे लोगों को ढूंढ़ते हैं जो सोर्स लगा दें और फि‍र मेरे पास भी सिफारिश आती है, मेरी दिक्‍कत यह होती है कि जब बेड ही नहीं हैं तो कैसे दिला दें तो लोग यह भी कहते हैं कि आप इतने बड़े मंत्री हैं एक बेड नहीं दिला पा रहे हैं। आशुतोष टंडन ने कहा कि सरकार को इसकी चिंता है इसलिए बीते अक्‍टूबर में नये ब्‍लॉक का शिलान्‍यास मुख्‍यमंत्री द्वारा किया गया उसके पीछे मंशा यही थी कि संस्‍थान की क्षमता बढ़ायी जाये। उन्‍होंने बताया कि चूंकि बजट की दिक्‍कत सरकार के पास रहती है इसलिए यह रास्‍ता निकाला गया कि संस्‍थान लोन ले, और लोन के लिए राज्‍य सरकार गारंटर बन जाये।

संस्‍थान के निदेशक प्रो राकेश कपूर ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी की सुविधा वाला उत्‍तर प्रदेश का यह पहला केंद्र है। उन्‍होंने कहा कि करीब 1 लाख 56 हजार रुपये में यह सर्जरी यहां हो सकेगी। उन्‍होंने कहा कि सस्‍ते दामों में इस सर्जरी का लाभ न सिर्फ उत्‍तर प्रदेश बल्कि यहां आने वाले अन्‍य प्रदेशों के रोगियों को भी मिलेगा, इस पद्धति से सर्जरी करने से सटीक और बिना खून बहाये उपचार हो सकेगा। इसके अलावा इस सर्जरी में अस्‍पताल में रुकने की अवधि कम होती है। उन्‍होंने बताया कि यही नहीं इस रोबोटिक मशीन से कैंसर की पहचान भी होने के साथ रोग की डायग्‍नोसिस जल्‍दी हो सकेगी, जिससे रोगियों की प्रतीक्षा सूची कम होगी। आपको बता दें कि प्रो कपूर स्‍वयं एक यूरो सर्जन हैं और उनके कार्यकाल में रोबोट सर्जरी की सुविधा की शुरुआत होना प्रो कपूर के लिए गर्व की बात है।

 

इस मौके पर संस्‍थान के मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक प्रो अमित अग्रवाल भी उपस्थित थे। प्रो अमित अग्रवाल को इसका प्रभारी अधिकारी भी नामित किया गया है। अभी रोबोट संचालन के लिए आठ चिकित्‍सकों को प्रशिक्षण दिया गया है, अभी शुरुआत में चार विभागों यूरोलॉजी, इंडोक्राइन सर्जरी गैस्‍ट्रो सर्जरी और सीवीटीएस विभाग में इससे सर्जरी की जायेगी। इसकी स्‍थापना में 60 प्रतिशत सहायता केंद्र सरकार से तथा 40 प्रतिशत राज्‍य सरकार से प्राप्‍त हुई हैं।