-के जी एम यू के क्लीनिकल हेमाटोलॉजी विभाग में हुई रिसर्च अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के क्लिनिकल हेमेटोलॉजी विभाग में हुए शोध में यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं कि विटामिन डी की मात्रा अगर बेहतर है तो कैंसर के उपचार में दी जाने वाली कीमोथेरेपी से मरीज को ज्यादा लाभ हुआ, वहीं इससे होने वाले साइड इफेक्ट में कमी आती है। यह अध्ययन यह शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित जनरल न्यूट्रिशन एंड कैंसर के मई 2022 के अंक में प्रकाशित हुआ है।
शोधार्थियों का मानना है कि यह संभव है कि शरीर में विटामिन डी की कमी होने का कैंसर के उपचार की सफलता पर प्रभाव पड़ता हो।
केजीएमयू के मीडिया सेल द्वारा जारी जानकारी के अनुसार कहा गया है कि विभिन्न प्रकार के कैंसर के विरुद्ध प्रतिरोधी क्षमता उत्पन्न करने में विटामिन डी का अहम योगदान है। क्लीनिकल विभाग में डॉ ए के त्रिपाठी, एसपी वर्मा और शोध छात्रा श्वेता की टीम ने एक प्रकार के कैंसर एक्यूट ल्यूकेमिया के 73 मरीजों में विटामिन डी के लेवल का परीक्षण किया और कीमोथेरेपी के प्रभाव का अध्ययन किया उन्होंने बताया कि इसके परिणाम में 80% मरीजों के रक्त में विटामिन डी की मात्रा 20 एमजी प्रति लीटर से कम पाई गई। यह देखा गया कि जिन मरीजों में विटामिन डी का लेवल सामान्य था उनका प्रभाव विटामिन डी की कमी वालों की अपेक्षा अच्छा था यह भी देखा गया कि रोग या कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से कम विटामिन डी वालों में मृत्यु दर ज्यादा थी। यह अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है भारत में विटामिन डी की कमी व्यापक रूप से मौजूद है जिसका निराकरण करना सेहतमंद रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
शोधार्थियों का कहना है कि अब आगे यह देखने की आवश्यकता है कि क्या ब्लड कैंसर की दवा के साथ-साथ विटामिन डी देने से कैंसर के उपचार की सफलता में लाभ होता है अथवा नहीं।