-चिकित्सा सेवाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए संस्थान प्रशासन के इंतजाम नाकाफी
-कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर की हैवानियत के साथ रेप व मर्डर की घटना से देश में उबाल
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत में रेप और हत्या के विरोध में देश भर के रेजीडेंट डॉक्टरों में उठे आक्रोश का असर चिकित्सा सेवाओं पर होने लगा है, ओपीडी बाधित हो रही हैं, ऑपरेशन टल रहे हैं। रेजीडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी और क्रिटिकल सर्विसेज को कार्य बहिष्कार से अलग रखा है लेकिन ओपीडी सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। संजय गांधी पीजीआई ने नये रजिस्ट्रेशन बंद कर दिये हैं, यहां सिर्फ पुराने मरीज, जिन्हें ओपीडी में परामर्श की तारीख दी जा चुकी है, उन्हें ही देखा जायेगा। हालांकि चिकित्सा संस्थानों का कहना है कि 13 अगस्त से शुरू हुई रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से निपटने की तैयारियां की गयी हैं, लेकिन इन तैयारियों के बावजूद चिकित्सा सेवाओं में व्यवधान पड़ रहा है।
केजीएमयू में कार्य बहिष्कार कर रहे रेजीडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार रात को एक कैंडिल मार्च भी निकाला, साथ ही अपनी एकता को प्रदर्शित करते हुए प्रशासनिक भवन के सामने जोशीली नारेबाजी भी की। जोश से लबरेज इन रेजीडेंट डॉक्टरों ने नारेबाजी में गूंज रहा था ‘…अब भी जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है, जो इंसाफ दिला ना पाये वो बेकार जवानी है…’ आपको बता दें कि केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टरों ने परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कुछ मांगें रखी हैंं, साथ इसे दुरुस्त किये जाने तक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। इस बीच केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि रेजिडेंट प्रतिनिधियों से केजीएमयू प्रशासन की वार्ता सकारात्मक रही है। प्रशासन अपने छात्रों की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि रेजिडेंट छात्रों ने राष्ट्रीय दिशानिर्देशों तक सांकेतिक विरोध करने का निर्णय लिया है। रोगियों की चिकित्सा में किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जाएगा।
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की ओर से मीडिया प्रवक्ता डॉ भुवन तिवारी द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि लोहिया संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा भी आज हड़ताल कर संस्थान के प्रशासनिक भवन के सामने धरना प्रदर्शन एवं नारेबाजी की गई। सुबह 11:30 बजे के बाद संस्थान की ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं। परंतु भर्ती मरीजों यथावत इलाज मुहैया कराया गया। संस्थान स्तर से इस परिस्थिति से निपटने के लिए प्रोटोकॉल निर्गत कर दिया गया है। इसके अनुसार 1.छुट्टी पर जाने वाले चिकित्सकों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है। 2.नर्सेज को संकाय सदस्यों के साथ मिलकर भर्ती मरीजों की उचित देखभाल के निर्देश दिए गए। 3.इमरजेंसी ओटी यथावत चलेंगी। 4. विभागाध्यक्षों को विभागीय समन्वय के लिए निर्देशित किया गया है। मंगलवार को ओटी में 25 केस किये गये जबकि 15 केसों को बाद के लिए टालना पड़ा।
एसजीपीजीआई प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 13 अगस्त से रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) की हड़ताल के मद्देनजर, एसजीपीजीआई में अस्पताल सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए जो व्यवस्थाएं की गई हैं, उनमें आपातकालीन/एपेक्स ट्रॉमा सेंटर और गहन चिकित्सा इकाई सेवाएं सामान्य रूप से कार्य करेंगी। ओ पी डी में कोई नया पंजीकरण नहीं किया जाएगा। ओपीडी में केवल उन्हीं पुराने रोगियों को देखा जायेगा, जिन्हें ओ पी डी परामर्श की तारीख दी गई है। इसके अलावा सभी इनडोर रोगी सेवाएं सामान्य रूप से कार्य करेंगी तथा सैंपल कलेक्शन भी यथावत कार्य करेगा।