-7 नवम्बर को बांधेंगे काला रिबन, डॉक्टरों पर हुई कानूनी कार्रवाई रद न हुई तो तेज होगा विरोध
-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर की घटना की निंदा, मामले में हस्तक्षेप करने की मांग
-डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी की निंदा
सेहत टाइम्स
लखनऊ। हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों मेंमें फीस वृद्धि के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर बर्बरतापूर्वक की गयी पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसके विरोध में फेडरेशन ऑफ रेजिडेन्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोरडा FORDA) ने कल 7 दिसम्बर को ब्लैक रिबन डे मनाने का ऐलान किया है। इस दिन सभी रेजीडेंट डॉक्टर्स काला फीता बांधकर देशव्यापी विरोधी प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने मांग की है कि डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही रद की जाये। यहां डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी निंदा करते हुए 7 नवम्बर को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है।
फोर्डा के अध्यक्ष डॉ अविरल माथुर, उपाध्यक्ष डॉ अनुज अग्रवाल और महासचिव डॉ सर्वेश पाण्डेय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि हरियाणा में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस की कार्रवाई की हालिया घटना बर्बर और बेहद निंदनीय है। उन्होंने डॉक्टरों पर इस तरह की गयी बर्बरता को हरियाणा और देश में चि�कित्सा शिक्षा प्रणाली पर एक धब्बा बताया।
पत्र में कहा गया है कि फोर्डा राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस द्वारा किए गए इस घिनौने कृत्य की निंदा करता है। उन्होंने कहा है कि कोविड सहित सभी विपरीत परिस्थितियों में जिन डॉक्टरों द्वारा अपना सर्वश्रेष्ठ दिया गया, उन निर्दोष डॉक्टरों पर इस तरह की पुलिसिया कार्रवाई सरकार की उदासीनता और कमजोर स्मृति को दर्शाती हैं। यह घटना न केवल राज्य सहित पूरे देश भर में डॉक्टरों के नैतिक मूल्यों को गिराएगी, बल्कि डॉक्टरों और सरकार के बीच की खाई को भी चौड़ा करेगी।
पत्र में कहा गया है कि हम सबकी यह मांग है कि डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई को रोकने उसे रद करने में अपना हस्तक्षेप करें और बातचीत कर मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा है कि अपने साथी सहयोगियों के बीच एकजुटता और एकता के प्रदर्शन के रूप में और जो कुछ हुआ है उसके निंदा के प्रतीक के रूप में हम 7 नवंबर को ब्लैक रिबन डे मनाकर विरोध जता रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि यदि मौजूदा स्थिति को जल्द से जल्द सकारात्मक तरीके से दूर करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो हम अपने विरोध को और तेज करने की योजना बनायेंगे।