-ऑल इंडिया होम्योपैथिक पोस्ट ग्रेजुएट सेमिनार-2023 में डॉ गिरीश गुप्ता विशिष्ट अतिथि-स्पीकर के रूप में आमंत्रित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। रोगों के स्थायी उपचार के उद्देश्य को लेकर सवा दो सौ साल पूर्व जर्मनी के एक ऐलोपैथ चिकित्सक डॉ सैमुअल हैनिमैन द्वारा खोजी गयी उपचार पद्घति होम्योपैथी को लेकर लोगों के मन में अनेक भ्रांतियां हैं, जो कि होम्योपैथी के उत्थान में बाधक हैं, होम्योपैथिक दवाओं की वैज्ञानिकता और दवाओं को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए साक्ष्य सहित तथ्य प्रस्तुत करने के उद्देश्य को लेकर होम्योपैथी में पीजी करने वाले छात्र चिकित्सकों के ज्ञानवर्धन के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के डीएनडे होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल द्वारा कोलकाता में ऑल इंडिया होम्योपैथिक पोस्ट ग्रेजुएट सेमिनार-2023 का आयोजन किया गया।
कोलकाता स्थित धनोधान्यो ऑडिटोरियम, अलीपोर में 26-27 नवम्बर को आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में करीब 1000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस सेमिनार में लखनऊ स्थित गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च (जीसीसीएचआर) के चीफ कन्सल्टेंट डॉ गिरीश गुप्ता को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्हें स्पीकर के रूप में ‘निषिद्ध खाद्य पदार्थों का प्रभाव और होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावकारिता : एक इन-विट्रो मूल्यांकन’ (Impact of forbidden foodstuffs and efficacy of Homoeopathic medicines : An in-vitro evaluation) विषय पर व्याख्यान के लिए भी आमंत्रित किया गया। ज्ञात हो डॉ गुप्ता का इस विषय पर सफल शोध कार्य है, जो कि भारत सरकार के सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) द्वारा प्रकाशित इंडियन जर्नल ऑफ रिसर्च इन होम्योपैथी (IJRH) के अप्रैल-जून 2018 अंक में प्रकाशित हो चुका है।
डॉ गुप्ता ने पावर प्रेजेन्टेशन की सहायता से बताया कि उनके द्वारा किस प्रकार होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावकारिता पर विभिन्न वर्जित खाद्य सामग्री (प्याज, लहसुन, लौंग, इलायची, हींग, अदरक, मेथी इत्यादि) का प्रभाव का अध्ययन किया गया। इस प्रयोग द्वारा यह स्पष्ट हो गया कि होम्योपैथिक दवा पर वर्जित वस्तुओं का कोई असर नहीं पड़ता है।
आपको बता दें कि डॉ गिरीश गुप्ता द्वारा अनेक जटिल व असाध्य माने जाने वाले रोगों के साथ ही सर्जरी वाले कई रोगों का इलाज बिना सर्जरी सिर्फ होम्योपैथिक दवाओं से किये जाने संबंधी शोध देश-विदेश में भी विभिन्न सेमिनार, सम्मेलनों में केंद्र बिन्दु बन रहे हैं। पिछले दो माह में ही उत्तर प्रदेश के साथ गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा के बाद अब पश्विम बंगाल के इस वृहद आयोजन में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए डॉ गुप्ता को आमंत्रित किया गया था।
सेमिनार में लखनऊ के एक अन्य चिकित्सक डॉ निशान्त श्रीवास्तव ने त्वचा रोगों पर होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावी भूमिका पर अपना प्रेजेन्टेशन दिया।