-आशुतोष कुमार द्विवेदी ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को लिखा पत्र
-कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष ने 17 अगस्त को पेट के बल सीएम आवास तक यात्रा का किया है ऐलान
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार द्वारा कैडर पुनर्गठन प्रक्रिया पांच वर्षों से लम्बित होने के विरोध में आगामी 17 अगस्त को कुलपति कार्यालय केजीएमयू से पेट के बल लेटकर कर मुख्यमंत्री आवास तक जाने की घोषणा के सम्बन्ध में आज केजीएमयू के कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर इस मसले पर सम्बन्धित को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है, जिससे केजीएमयू आने वाले मरीजों व तीमारदारों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
कुलसचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन न होने से उनमें बेहद रोष है। उन्होंने लिखा है कि अब तक सिर्फ नर्सिंग और समाजशास्त्री कैडर के ही पुनर्गठन का शासनादेश हुआ है। उन्होंने यह भी लिखा है कि अगर पुनर्गठन नहीं किया तो केजीएमयू कर्मियों ने 17 अगस्त से कड़े आंदोलन का ऐलान कर रखा है। उन्होंने प्रमुख सचिव से इस मामले में आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
ज्ञात हो प्रदीप गंगवार द्वारा भी इस आशय का पत्र पिछले माह प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजा जा चुका है। 17 अगस्त को प्रदीप गंगवार अध्यक्ष, कर्मचारी परिषद, सैकड़ों कर्मचारियों के साथ सुबह 9 बजे कुलपति के कार्यालय से पेट के बल लेटकर मुख्यमंत्री के आवास को प्रस्थान करेंगे ।
प्रदीप गंगवार और महामंत्री राजन यादव ने एक माह पूर्व भेजे अपने पत्र में कहा था कि पांच वर्षों से लंबित कैडर पुनर्गठन अगर एक माह में नहीं हुआ तो कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार 17 अगस्त को केजीएमयू से चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के आवास होते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास तक पेट के बल लेटकर जायेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
प्रदीप गंगवार ने बताया कि केजीएमयू के गैर शैक्षणिक कर्मियों को एस जी पी जी आई के समान वेतनमान एवं भत्ते देने के लिए 23 अगस्त 2016 को जारी शासनादेश के क्रम में संवर्गीय पुनर्गठन की प्रक्रिया 5 वर्ष उपरांत अभी तक पूर्णतः लंबित है, जिससे केजीएमयू के अधिकांश कर्मियों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि 28 जनवरी 2021 को चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों के मध्य मंत्री के सचिवालय स्थित कार्यालय में इस प्रकरण पर बैठक आहूत की गई, जिसमें मंत्री द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे एवं अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग को अप्रैल माह तक 4 कैडर एवं सितंबर माह तक अधिकतम कैडर्स का संवर्गीय पुनर्गठन करने संबंधी कड़े दिशा निर्देश दिए गए थे।
पत्र में यह भी कहा गया था कि अतिसंवेदनशील प्रक्रिया से प्रदीप गंगवार के साथ यदि कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी, साथ ही साथ यह भी कहा गया था कि सरकार एवं शासन-प्रशासन द्वारा अविलंब संवर्गीय पुनर्गठन की कार्यवाही नहीं की जाती है तो अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में कड़े आंदोलन के लिए भी कर्मचारी परिषद प्रतिबद्ध है।