अपनी लंबित मांगों को लेकर पीजीआई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने खोला मोर्चा
लखनऊ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में आंदोलन का दौर तेज होता जा रहा है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के चिकित्सक हों, फार्मासिस्ट हों या अन्य कर्मचारी, सभी अपनी मांगों को लम्बे समय से लंबित रखे जाने से नाराज हैं, अब संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने काला फीता बांधकर अपना विरोध दर्शाना आज से शुरू कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि नियमावली 2011 में संशोधन, 7 वें वेतनमान के अनुसार भत्ते और संवर्ग पुनर्गठन के मांगी लम्बे समय से लंबित हैं। कर्मचारियों के कई बार आन्दोलन के बाद भी प्रशासन ढुलमुल रवैया अपना हुए है।
संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी संघ की अध्यक्ष सावित्री सिंह ने बताया कि जैसा कि हम लोगों ने पूर्व से निर्धारित कर रखा था, आज बुधवार से सभी कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
सावित्री सिंह ने बताया कि हम लोगों ने कामकाज को प्रभावित किये बिना काला फीता बांधकर प्रशासन से विरोध जताना शुरू किया है। इसके तहत संयुक्त मोर्चा के सदस्य सीएल वर्मा, धर्मेश कुमार, महिपाल, भीम सेन, एनपी श्रीवास्तव, सरोज वर्मा, राजेश शर्मा के अलावा रेखा मिश्रा, सावित्री सिंह व सुनीता सिंह ने संस्थान में काला फीता बांधने का अभियान चलाया। संस्थान की ओपीडी, कार्यालय, वार्ड व अन्य सभी जगहों पर जा-जाकर काला फीता बांधा। सावित्री सिंह के अनुसार संस्थान के कई संवर्ग के कर्मचारियों का लम्बे समय से संवर्ग पुर्नगठन नहीं हुआ है, जिसकी वजह से कई कैडर ऐसे हैं जो 15 या 20 साल की नौकरी के बाद भी उसी पद पर बने हुए हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर संस्थान के कर्मचारी संगठनों ने मिलकर एक मंच तैयार किया है। जिसके तहत कर्मचारी 3 अक्टूबर से सात 7 अक्तूबर तक लगातार संस्थान में काला फीता बांधकर काम करेंगे।