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उफ, प्रदूषण की इतनी खतरनाक स्थिति कि मापने वाला यंत्र भी बेबस

-खुशियों भरा दीपावली का त्‍योहार देश भर में पूरे उत्‍साह से मनाया गया

-प्रदूषण का बढ़ता आंकड़ा चिंता बढ़ाने वाला, धुंध की चादर से ढंका शहर

गुरुवार को देश भर में दीपावली का पर्व पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया गया। रंगीन रोशनी से नहायी भारत की इस धरा पर अंधेरा मिटाते दीये कोने-कोने में जगमगाये। गणेश-लक्ष्‍मी के पूजन के पश्‍चात प्रसाद- मिठाइयों का दौर भी खूब चला। पकवानों की सुगंध ने लोगों की भूख को और बढ़ाया। इसके साथ ही लोगों के बीच चिंता भी। इन सभी बातों के बीच एक चिंता बढ़ाने वाली बात भी सामने आयी। यह चिंता में डालने वाली बात है, प्रदूषण की। दीपावली पर फोड़े गये पटाखों के चलते प्रदूषण का स्‍तर सिर्फ एक दिन में ही दोगुने से ज्‍यादा पहुंच गया। यहां के एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स AQI और पारटिकुलेट मैटर pm के स्‍तर से प्रदूषण की गंभीरता का अंदाज लगाया जा सकता है।

आपको बता दें कि पारटिकुलेट मैटर वह सूक्ष्‍म कण होते हैं जो हवा के साथ वातावरण में समाये रहते हैं। पीएम 10: पीएम 10 को पर्टिकुलेट मैटर (Particulate Matter) कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है पीएम 10 और पीएम 2.5 यानी जिन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास होता है उसे पीएम 10 कहते हैं, इसी तरह जिन कणों का साइज 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है उन्‍हें पीएम 2.5 की श्रेणी में रखा जाता है। पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्‍ट्रक्‍शन और कूड़ा व पराली जलाने से ज्यादा बढ़ता है।

राष्‍ट्रीय राजधानी की बात करें तो दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर बैन लगाने के बावजूद लोग नहीं माने और जमकर आतिशबाजी की। इसका नतीजा यह हुआ कि दीपावली की रात में दिल्ली एनसीआर की हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच गई है। एक न्‍यूज चैनल के अनुसार कुछ इलाकों में तो यह इसको मापने की सीमा को क्रॉस करता दीखा, यानी प्रदूषण का स्‍तर नापने के यंत्र की अधिकतम सीमा अगर और आगे होती तो आंकड़ा वहां पर भी पहुंच सकता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। इस प्रदूषण का खतरा आम लोगों को तो है ही, जो पहले से सांस के रोगी हैं उनके लिए ज्‍यादा ही घातक है। कोरोना भी इस समय थम तो जरूर गया है, लेकिन समाप्‍त न होने के कारण इसको लेकर भी सावधानी की जरूरत है।

रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली में कई इलाकों में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स AQI खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है, आलम यह है कि अक्षरधाम मंदिर जो कल तक नजर आ रहा था वो आज स्मॉग की वजह से दिखाई नहीं दे रहा है। यहां AQI 810 और पीएम 2.5  है. कल इस क्षेत्र में AQI 300 से 400 के बीच बना हुआ था। फिलहाल स्थिति बहुत खतरनाक है। इसके अलावा मंदिर मार्ग में AQI 818, आनंद विहार में 709, पूसा में 999 रिकॉर्ड किया गया। ज्ञात हो जब एक्यूआई मापा जाता है, उसमें अधिकतम 999 ही रिकॉर्ड किया जा सकता है, इससे अधिक का AQI में विकल्प नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि धड़ल्ले से पटाखे जलाने के चलते गुरुवार को रात नौ बजे के बाद दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में AQI 424, गाजियाबाद में 442, गुरुग्राम में 423 और नोएडा में 431 दर्ज किया गया, जोकि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं।

आपको बता दें कि यह हाल तब है जब दिल्ली में अगले वर्ष एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध है तथा हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखों का दौर चला, वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में हाई इंटेंसिटी के पटाखे जलाए गए।

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