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एक और एक ग्यारह : औषधियों की ‘दाल’ में योग का ‘तड़का’

-योग के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग : डॉ. सूर्यकान्त

सेहत टाइम्स

लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग में आज 11 जून को योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजक विभागाध्यक्ष डॉ0 सूर्यकान्त के साथ योग विशेषज्ञ डॉ0 श्रुति अग्निहोत्री एवं योग प्रशिक्षक संजीव त्रिवेदी ने सभी लोगों को योग प्रोटोकॉल के अनुसार योग व प्राणायाम का अभ्यास कराया। जिनमें प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी व भस्त्रिका मुख्य थे। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की इस वर्ष की थीम है ’’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’’।

डॉ0 सूर्यकान्त ने योग से होने वाले स्वास्थ्य लाभों पर विस्तार से चर्चा की तथा अस्थमा से पीड़ित रोगियों के लिए योग से होने वाले लाभों का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने योग के क्षेत्र में किए गए अपने कार्यों को साझा करते हुए बताया कि योग व नेचुरोपैथी के क्षेत्र में रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग, केजीएमयू लखनऊ अग्रणी भूमिका निभा रहा है। विभाग में अब तक योग से संबंधित विभिन्न शोध कार्य हो चुके हैं व 25 शोध पत्र राष्ट्रीय वह अंतरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित हो चुके हैं।

डॉ0 सूर्यकान्त के दिशा निर्देशन में डॉ0 श्रुति अग्निहोत्री ने अस्थमा और योग के सम्बंध में जो अनुसंधान कार्य किया, वह विश्व का प्रथम अनुसंधान कार्य था। इस विषय में प्रख्यात अवार्ड चार्ल्स रिके प्राइज़ भी डॉ0 श्रुति अग्निहोत्री को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए इंडियन कॉलेज का एलर्जी अस्थमा एंड अप्लाइड इम्युनोलॉजी द्वारा प्रदान किया जा चुका है। वर्तमान में विभाग में जलनेति पर अनुसंधान कार्य किया जा रहा है, जो इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च द्वारा अनुदानित है।

इस कार्यक्रम में विभाग के चिकित्सक डॉ आरएएस कुशवाहा, डॉ संतोष कुमार, डॉ अजय कुमार वर्मा, डॉ आनन्द श्रीवास्तव, रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टॉफ स्वास्थ्य कर्मी तथा धन्वंतरि सेवा न्यास के संतोष पटेल सम्मिलित हुए।

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