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मरीजों के प्रति करुणा एवं प्रेम से जुड़ी कड़ी है नर्सिंग प्रोफेशन : डॉ सोनिया

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्‍ट्रीय नर्सेज दिवस

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानन्द ने कहा है कि नर्सिंग प्रोफेशन मरीजों के प्रति करुणा एवं प्रेम से जुड़ी एक कड़ी है। उन्‍होंने फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जीवनी पर संक्षिप्त विवरण देते हुए मरीजों के देखभाल में नर्सिंग के उत्तरदायित्वों को समझाते हुए उन्होनें नर्सिंग स्टाफ को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जीवनी से प्रेरणा के लिए प्रेरित किया साथ ही उनके अच्छे कार्यों को सैल्‍यूट किया।

प्रो सोनिया नित्‍यानंद ने यह विचार 12 मई को अंतर्राष्‍ट्रीय नर्सेज दिवस के अवसर पर संस्‍थान में आयोजित समारोह में व्‍यक्‍त किये। उन्होंने कहा कि अपने संस्थान के रोगियों के साथ हमें दूसरे चिकित्सा संस्थानों से उच्च दर्जे का व्यवहार स्थापित करना है। उन्‍होंने बीएससी नर्सिंग विद्यार्थियों को बधाई दी साथ ही अच्छे कार्य एवं गुणवत्ता के लिए प्रेरित किया। निदेशक ने कोविड के दौरान समस्त नर्सिंग स्टाफ द्वारा किये गये कार्य की सराहना की। 

डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान गोमती नगर लखनऊ में कार्यरत नर्सिंग संवर्ग एवं कालेज ऑफ नर्सिंग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का आयोजन किया गया। इसके साथ ही नर्सों के सम्मान में मिशन निरामयाः के अन्तर्गत एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। 

कार्यक्रम  का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक प्रो0 सोनिया नित्यान्नद,  मुख्य नर्सिंग अधिकारी प्रो0 डी0के0 श्रीवास्तव चेयरमैन, कालेज ऑफ नर्सिंग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संस्थान की डीन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधीक्षक चेयरमैन, कालेज आफ नर्सिंग एवं संस्थान के अन्य सम्मानित फैकल्टी सदस्य, मुख्य नर्सिंग अधिकारी, संस्थान में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ, अधिकारी एवं कर्मचारी, भी उपस्थित रहे।

प्रोग्राम में उपस्थित सभी सम्मानित सदस्यों ने नर्सिंग प्रोफेशन की सराहना की साथ ही नर्सिंग प्रोफेशन पर अपने.अपने मत को भी व्‍यक्‍त किया।

संस्थान की डीन प्रोफेसर नुजह़त हुसैन ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि नर्सिंग स्टाफ से मरीज एवं मरीज के तीमारदार की बहुत उम्मीदें जुड़ी रहती हैं। उन्‍होंने नर्सिंग स्टाफ को इलाज के दौरान गुणवत्ता बनाये रखने के सम्बन्ध में प्रेरित किया। उन्होनें कहा की नर्सिंग स्टाफ को अपने ज्ञान और कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए आगे की पढ़ाई को जारी रखने की आवश्यकता है साथ ही उन्होनें बताया की कॉलेज ऑफ नर्सिंग डा0रा0म0लो0आ0सं0ए लखनऊ को उत्तर प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ नर्सिंग कालेज बनाने में संस्थान प्रशासन अग्रसर है। 

संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 विक्रम सिंह ने सर्वप्रथम अपने सम्‍बोधन में समस्त नर्सिंग संवर्ग को बधाई देते हुए बताया कि प्रत्येक भारतीय को नर्सिंग स्टाफ का सम्मान करना चाहिए। नर्सिंग संवर्ग को अपने मरीजों के देखरेख में गुणवत्ता बनाये रखना है और इसे सुधार की जरूरत है। उन्होनें सुझाव दिया कि अन्तर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस की भांति राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस को मनाये जाने की आवश्यकता है। सभी नर्सिंग स्टाफ को अपने प्रोफेशन के अलावा प्रशासनिक कार्य में भी अभिरूचि दिखानी चाहिए। सीनियर नर्सिंग स्टाफ को अपने से जूनियर नर्सिंग स्टाफ को मरीजों के देख रेख सम्बन्धित समय.समय पर उचित सुझाव देना चाहिए। 

संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 राजन भटनागर ने सर्वप्रथम अपने अभिभाषण में समस्त नर्सिंग संवर्ग को बधाई देते हुए बताया कि नर्सिंग संवर्ग चिकित्सा क्षेत्र का एक अभिन्य अंग है। इस लिए अपने कार्य प्रति अपने कौशल को विकसित करना तथा अपने प्रोफेशन में ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करे जिससे की आधे से ज्यादा समस्या स्वयं के द्वारा निस्तारित कर सकें। इन्होने कोविड के दौरान समस्त नर्सिंग स्टाफ द्वारा किये गये कार्य की सराहना की।

सुमन सिंह,मुख्य नर्सिंग अधिकारी ने अपने अभिभाषण में बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की शुरूवात 1965 में इंटरनेशनल काउंसिल आफ नर्सेज ने की थी। जिसके बाद जनवरी 1974 में 12 मई को अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। सी0एन0ओ0 ने अपने अभिभाषण के दौरान कहा कि नर्सों का एक रोगी के जीवन में काफी महत्व है। यूं भी कह सकते हैं कि हमे जिन्दा रखने में नर्सों की बड़ी भूमिका होती है वह मरीजों की देखभाल के लिए अपने सुख चैन त्याग कर दूसरों की भलाई के लिए काम करती हैं। उनके जज्बे को सलाम करने के लिए 12 मई का दिन चुना गया है यह दिन दुनिया भर की नर्सों को समर्पित है।

उन्‍होंने कहा कि मानवीय देखभाल ,रोगी के मानवीय और कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए एक नर्स की रोगी के प्रति सार्थक भूमिका होती है। एक नर्स समानता को बढ़ावा देती है जो यह सुनिश्चित करता है कि रोगियों के अधिकार सुरक्षित हैं। रोगियों के अधिकार स्वायत्तताए गोपनीयता और एकांतता है इसका मकसद गरिमा और किसी भी तरह के अन्याय की रक्षा करना है। प्रत्येक रोगी को जाति, रंग, लिंग, जातीयता और उम्र के आधार पर बिना किसी भेदभाव के उपचार का अधिकार है। मरीज की ऐसी स्थिति जिसमें चलने फिरने बैठने उठनें या अपने नियमित कार्य करने में असमर्थ होता है, तो उसे विशेषज्ञ नर्सिंग केयर लेने की सलाह देते हैं जिसे उसके दखभाल एवं ध्यान रखने वाले नर्सिंग स्टाफ को क्या करना है क्या नही यह पता होना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि नैतिकता नर्सिंग नैतिकता व्यावहारिक नैतिकता की एक शाखा है जो स्वतः  ही नर्सिग की गतिविधियों का संचालन करती है। नार्सिग नैतिकता में उपकारिताए किसी भी तरह का हानि न पहुचाना तथा स्वायत्ता के सम्मान के साथ चिकित्सकीय नैतिकता से जुड़े कई तत्व शमिल होते है। यह संबधए मानवी गरिमा तथा सहयोगपूर्ण सेवा पर इसके प्रभाव से पहचानी जाती है। गोपनीयता नर्सिंग नैतिक में बहुत महत्वपूर्ण है। रोगी की जानकारी के बारे में रोगी की अनुमति के बाद ही दूसरों के साथ साझा किया जा सकता है। 

कार्यक्रम के अन्त में निदेशक द्वारा संस्थान में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों, नर्सिंग, विद्यार्थियों को इनके अच्छे कार्यो के लिए पुरस्कार वितरित कर प्रोत्साहित किया गया।

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