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नवजात शिशुओं की देखभाल में लगी नर्सों को खास जानकारियों से किया अपडेट

-संजय गांधी पीजीआई के नियोनेटोलॉजी विभाग ने आयोजित की नर्सिंग कार्यशाला

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के नियोनेटोलॉजी विभाग ने हाल ही में 14 मई को एक अत्यन्त महत्वपूर्ण नवजात नर्सिंग कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला “Disinfection and Aseptic Practices” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रित थी, जिसका उद्देश्य  नवजात शिशुओ की देखरेख में रत  स्वास्थ्यकर्मियों को उनके लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित प्रदान करने के लिए शिक्षित और सशक्त बनाना था। 

विभाग के दूसरे स्थापना दिवस समारोह के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला  संस्थान के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गई थी , जिसमें नवजात शिशुओं की देखरेख में रत नर्सों और डॉक्टरों सहित अन्य  प्रतिभागी भी शामिल हुये। इस कार्यक्रम ने उपस्थित लोगों को अपने ज्ञान को बढ़ाने, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और कीटाणु शोधन और संक्रमण रोकने वाली तकनीकों में नवीनतम प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन पीजीआई, केजीएमयू और कमांड अस्पताल, लखनऊ के आमंत्रित अतिथियों द्वारा किया गया था, जिसमें पीजीआई से डॉ. आर. हर्षवर्धन, डॉ. एल के भारती, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ राधा के, कमांड अस्पताल से डॉ. ब्रिगेडियर वंदना नेगी और केजीएमयू, लखनऊ से डॉ. शालिनी त्रिपाठी शामिल थे।

नियोनेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. कीर्ति नारंजे ने नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के उच्च मानक बनाए रखने के महत्व पर जोर देकर कार्यशाला की शुरुआत की। उन्होंने नवजात शिशुओं के लिए सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करने में इस तरह की प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय नर्स सप्ताह के अवसर पर नर्सिंग स्टाफ को भी बधाई दी और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के दौरान, नियोनेटोलॉजी और संक्रमण नियंत्रण के क्षेत्र में प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा सूचनात्मक व्याख्यान और इंटरैक्टिव सत्रों की एक शृंखला आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान शामिल किए गए प्रमुख विषयों में एसेप्टिक नॉन-टच तकनीक, एनआईसीयू प्रक्रियाएं, सेंट्रल लाइन केयर बंडल, वीएपी बंडल, एनआईसीयू में संक्रमण की निगरानी, ​​एनआईसीयू में नियमित कीटाणुशोधन अभ्यास शामिल थे। कार्यशाला में संकाय सदस्यों में केजीएमयू से डॉ. शालिनी त्रिपाठी, कमांड अस्पताल से  प्रोफेसर आशुतोष कुमार, पीजीआई से डॉ. ऋचा मिश्रा, डॉ. आकांक्षा वर्मा, डॉ. अभिषेक पॉल और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर तूलिका शर्मा शामिल थे। वर्कस्टेशन पर फैकल्टी में डॉ. अभिजीत रॉय, डॉ. सुरभि, डॉ. प्राची अग्रवाल, डॉ. आरोही गुप्ता, डॉ. आरके श्वेताभ, डॉ. नेहा दलाल, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर अनामिका गुप्ता, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर दिव्या रेज्जिन और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सुनील कुमार शामिल हुए। 

सैद्धांतिक ज्ञान के अलावा,  कीटाणुशोधन और विसंक्रमण  प्रथाओं के अनुप्रयोग के बारे मे प्रतिभागियों की समझ को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए। उपस्थित लोगों के पास प्रायोगिक सत्रों में शामिल होने का अवसर था, जहां उन्होंने हाथ की स्वच्छता की उचित तकनीक सीखी और उपकरण कीटाणुशोधन, केंद्रीय लाइन देखभाल, VAP रोकथाम के लिए सही प्रक्रियाओं का अवलोकन किया। कार्यशाला ने इंटरैक्टिव चर्चाओं की सुविधा प्रदान की, जिससे प्रतिभागियों को एनआईसीयू के भीतर एसेप्टिक स्थितियों को बनाए रखने में अपने अनुभव, चुनौतियों और अभिनव दृष्टिकोण साझा करने का अवसर मिला। प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया, जिससे सीखने के माहौल को बढ़ावा मिला।

कार्यशाला का सफल आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ. कीर्ति नारंजे  और संकाय सदस्यों  डॉ. अनीता सिंह, डॉ. आकांक्षा वर्मा, डॉ. अभिजीत राय, डॉ. अभिषेक पॉल एवं सिस्टर इंचार्ज प्रियबाला द्वारा किया गया।

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