-वायरल फीवर के उपचार एवं बचाव में कारगर हैं होम्योपैथिक दवायें
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। वायरल फीवर के उपचार एवं बचाव में कारगर है होम्योपैथिक दवाइयां इस समय वायरल बुखार का मौसम चल रहा है चिकित्सालयों एवं चिकित्सकों के यहां वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यदि आप या आपके घर में कोई वायरल से पीड़ित हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि होम्योपैथी में वायरल बुखार से लड़ने की कारगर दवाइयां उपलब्ध हैं।
यह जानकारी केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने दी है। उन्होंने वताया कि इस मौसम में तापमान के तेजी से उतार-चढ़ाव एवं नमी के कारण यह विभिन्न तरह के वायरस के संक्रमण के लिए बहुत अनुकूल है इसलिए ज्यादा सावधानी एवं सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वायरल बुखार में ठंडक, पसीना आना, डिहाइड्रेशन, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, कमजोरी, थकान, भूख का कम लगना, मिचली महसूस होना, गले में खराश आदि लक्षण हो सकते है परंतु यदि स्वाद एवं गंध मेँ कमी, सांस लेने में दिक्कत हो तो सतर्क हो जाना चाहिए।
डॉ वर्मा ने बताया कि वायरल फीवर संक्रामक है इसलिए इससे बचाव के लिए भीड़- भाड़ में जाने से बचें , बुखार से पीड़ित रोगी से दूरी बनाये रखें, रोगी के तौलिया, रुमाल आदि का प्रयोग न करें, गुनगुना पानी पिएं, ठंढ़ी चीजें जैसे आइस क्रीम , कोल्ड ड्रिंक , बाजार के भोजन से बचें। उन्होंने बताया कि यदि आपके घर में कोई रोगी है तो उसे अलग, हवादार कमरे में रखें, पौष्टिक, सुपाच्य एवँ तरल भोजन दें,पर्याप्त पानी पिलायें, धोड़ी धूप दिखायें, गुनगुना पानी दे,ठंडी चीजों से बचाव करें। उन्होंने बताया कि वायरल बुखार के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयाँ अत्यंत प्रभावी हैं। इसके उपचार में प्रयोग होने वाली औषधियों में आर्सेनिक अल्ब, रस टॉक्स, बेलाडोना, जेल्सीमियम, एपिटोरिम पर्फ, डल्कामारा,चाइना आदि प्रमुख हैं। होम्योपैथिक औषधियाँ सुरक्षित हैं और शरीर पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव भी नहीं डालती हैं परंतु यह औषधियाँ केवल प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वायरल बुखार के बाद शरीर में आने वाली कमजोरी ,थकान आदि को दूर करने में भी होम्योपैथिक दवाइयां कारगर है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक सलाह के लिए हेल्प लाइन नंबर 6392090088 पर सम्पर्क किया जा सकता है।