वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा ने बताया कैसे रखें ख़याल
लखनऊ. मौसम लगातार करवट बदल रहा है जहां दिन में तेज धूप और गर्मी है वहीं पर रात में हल्की ठंडक। मौसम का लगातार बदलता मिजाज सेहत के लिए अनेक परेशानियाँ उत्पन्न कर रहा है। लोग वायरल बुखार, सिरदर्द, जुखाम, बदन-दर्द, गले में खराश एवं दर्द, कमजोरी, थकान, खाने के प्रति अनिच्छा, हल्का पेट दर्द, मिचली, साँस फूलने आदि की शिकायत कर रहे हैं. जिसके कारण सरकारी अस्पतालों एवं निजी चिकित्सकों के यहां भीड़ बढ़ रही है। सुबह-शाम पारे का उतार-चढ़ाव दमा एवं हृदय रोगियों के लिए खतरा बढ़ रहा है।
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा का कहना है कि बदलते मौसम में सेहत का खयाल रखना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में वायरल बुखार, जुखाम, सिरदर्द, खाँसी आदि परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं । सुबह-शाम तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषितकण श्वसन तंत्र में प्रवेश कर जाते हैं, जिसमें दमा एवं सी0ओ0पी0डी0 की समस्या बढ़ सकती है। सुबह-शाम पारे का उतार-चढ़ाव दमा एवं हृदय रोगियों के लिए भी नुकसानदायक है।
उन्होंने सलाह दी है कि इस मौसम में सुबह-शाम निकलते समय हल्के कपड़े न पहनें। सोते रात भर एसी न चलाएँ। बाइक पर चलते समय हेलमेट जरूर लगाएँ जिससे ठंडी हवा से बचाव हो सके। इस मौसम में जूस, कोल्डड्रिंक अत्याधिक ठंडा पानी, आइसक्रीम आदि के प्रयोग से बचें। सम्भव हो तो गुनगुना पानी पिए। इस मौसम में हल्का, सुपाच्य एवं हल्का भोजन, हरी सब्जियों का प्रयोग करें तथा मसालेदार गरिष्ठ एवं तले-भुने खाद्य पदार्थों के प्रयोग से बचें। तिल-गुड एवं सोंठ का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है।
डॉ. वर्मा ने सलाह दी है कि यदि इस मौसम आपकी सेहत सावधानियों के बाद भी नासाज हो जाए तो आराम करें, सावधानियाँ बरते। इस मौसम में होने वाली सेहत की बीमारियों के उपचार में होम्योपैथिक दवाईयाँ कारगर हैं वह भी बिना किसी साइड इफेक्ट के। उन्होंने बताया कि इस मौसम में होने वाली बीमारियों के उपचार में बेलाडोना, आर्सनिक, रस-टाक्स, एलिएम सिपा, डल्कामारा, इन्फ्लुंजिनम, चाइना आदि दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता हैं, परन्तु ध्यान रहे यह दवाइयाँ केवल प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही लेना चाहिए।