आश्रय गृहों की व्यवस्थाओं को लेकर कार्यों की प्रगति पर समीक्षा के दौरान निर्देश दिये मंत्री ने
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने आज कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में संचालित सभी प्रकार के आश्रय गृहों में आवासित संवासियों का प्रति दो माह पर स्वास्थ्य परीक्षण कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा यह व्यवस्था सभी राजकीय सम्प्रेक्षण गृहों, महिला शरणालयों, स्वैच्छिक संगठनों द्वारा चलाए जा रहे गृहों, स्वाधार गृहों में लागू करने के लिए तत्काल प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दिया जाये।
प्रो0 जोशी आज महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश के आश्रय गृहों की व्यवस्थाओं को लेकर कार्यों की प्रगति पर समीक्षा कर रहीं थीं। बैठक में उन्होंने सम्प्रेक्षण गृहों में रिपेयरिंग कार्यों की जानकारी के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे से मॉनीटरिंग की व्यवस्था हेतु कार्य प्रगति की जानकारी भी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सीसीटीवी मॉनीटरिंग को जनपद स्तर पर डी0पी0ओ0 कार्यालय से केन्द्रीकृत कर सुनिश्चित कराये। इसके लिए मॉनीटरिंग स्क्रीन डी0पी0ओ0 कार्यालय में लगवाया जाये तथा जनपद के सभी आश्रय गृहों को उससे जोड़कर 24 घंटे मॉनीटरिंग की व्यवस्था शीघ्र बनाई जाये।
बैठक में प्रो0 जोशी ने कहा सम्प्रेक्षण गृह में आवासित किशोर संवासियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उनका आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है, इसके लिए 16 से 18 वर्ष के सभी संवासियों को रोजगार परक कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ा जाये। उन्होंने कहा अगले तीन माह के भीतर कार्यदायी संस्था के माध्यम से सभी संवासी किशोरो को प्रशिक्षण से जोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाये। बैठक में महिला कल्याण विभाग के विशेष सचिव रामकेवल, निदेशक वंदना वर्मा सहित वरिष्ठ एवं समस्त सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।