-केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट-2023 का आयोजन 8 एवं 9 सितम्बर को
-देश भर के ब्रेस्ट कैंसर विशेषज्ञों का लगेगा केजीएमयू में जमावड़ा
-इस वर्ष की थीम Let’s do oncoplasty यानी चलो ऑन्कोप्लास्टी करते हैं
सेहत टाइम्स
लखनऊ। ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी करते समय ही प्लास्टिक सर्जरी से निकाले हुए स्तन के भाग को पुनर्निर्मित कर स्तन को पहले जैसा आकार दिया जाना संभव है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग, द्वारा आगामी 8 एवं 9 सितम्बर, 2023 को ’’के0जी0एम0यू0 ब्रेस्ट अपडेट-2023’’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन, इंडियन एंटी कैसर ट्रस्ट नई दिल्ली, एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन ऑफ इंडिया तथा उत्तर प्रदेश चैप्टर ऑफ एसोसिएशन सर्जन ऑन इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम Let’s do oncoplasty है।
यह जानकारी देते हुए आयोजन अध्यक्ष डॉ आनन्द कुमार मिश्रा ने बताया कि दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जागरूकता फैलाकर ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की प्रारंभिक चरण में जानकारी होने के फलस्वरूप मरीजों के स्तन को बचाया जा सकता है। कीमोथेरेपी के माध्यम से एडवान्स स्टेज के मरीजों के स्तन को भी बचाया जा सकता है। इण्डोक्राइन सर्जरी विभाग द्वारा ’’केजीएमयू ब्रेस्ट अपडेट’’ प्रतिवर्ष एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में आयोजित किया जाता है। यह कार्यक्रम 2021 से प्रति वर्ष आयोजित किया जा रहा है, इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर सम्पूर्ण देश के संकाय सदस्यों तथा प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा तथा अपनी-अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से लोगों को जानकारी प्रदान की जायेगी। इस कॉन्फ्रेंस की थीम – Let’s do oncoplasty है।
ऑन्कोप्लास्टी तकनीकी के अंतर्गत स्तन कैंसर का ऑपरेशन एवं साथ ही साथ प्लास्टिक सर्जरी तकनीकी से वही सर्जन उस स्तन को दूसरे स्तन के सापेक्ष सुडौल बना देता है। सामान्यता ऑपरेशन में स्तन का भाग 20 प्रतिशत से कम निकाला जाए तो स्तन सुडौल रहता है, स्तन का भाग 20 प्रतिशत से अधिक निकालने पर प्रतिपूर्ति करने के लिए विभिन्न फ्लैप लगाना पड़ता है स्तन के बगल, पीठ या पेट से फ्लैप बनाये जाते हैं। इस कार्यक्रम के सारे विषेशज्ञ विभिन्न ऑन्कोप्लास्टी तकनीक पर वीडियो को दिखायेंगे।
दोनों दिन के सभी सत्र ब्रेस्ट सर्जरी प्रैक्टिस करने वाले सर्जन्स के लिए उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि इसमें ऑन्कोप्लास्टी की तकनीक वीडियो लेक्चर के द्वारा समझाई जायेगी। आज के समय में देश के कुछ ही चिकित्सा संस्थानों में ऑन्कोप्लास्टी तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।