-तीन मापदंडों में संस्थान को मिले पूरे अंक, केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने जारी की रैंकिंग
सेहत टाइम्स
लखनऊ। कार्यप्रणाली के आधार पर जारी NIRF 2024 रैंकिंग में देश भर के चिकित्सा संस्थानों में लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई को छठा स्थान प्राप्त हुआ है, पिछले वर्ष मिली 7वीं रैंक में एक पायदान ऊपर चढ़ने में संस्थान को सफलता हासिल हुई है। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) द्वारा तय की जाने वाली इस रैंकिंग की घोषणा आज 12 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने विभिन्न श्रेणियों के लिए रैंकिंग जारी करते हुए की।
यह जानकारी एसजीपीजीआई द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति में देते हुए कहा गया है कि संकाय छात्र अनुपात, विश्वविद्यालय परीक्षा के लिए मीट्रिक और शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के मापदंडों में संस्थान पूरी तरह से खरा उतरा है, जिस कारण इन तीनों मापदंडों में पूर्ण अंक प्राप्त हुए हैं। संस्थान का कुल स्कोर पिछली बार के 69.62 से बढ़कर 70.07 (0.45 की वृद्धि) हुआ है। पिछले वर्ष (2023) के लिए एसजीपीजीआई ने देश में 7वीं रैंक हासिल की। एसजीपीजीआई ने 2024 के लिए प्रतिष्ठित एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए फिर से खुद को पंजीकृत किया।
विज्ञप्ति के अनुसार इसके अलावा, संस्थान ने अपने ठोस प्रयासों के माध्यम से वित्तीय संसाधनों और उनके उपयोग (एफआरयू) में 28.37 अंकों से 29.58 अंक की वृद्धि, रिसर्च पब्लिकेशन (पीयू) में 23.45 अंक से वृद्धि कर 24.28 अंक, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को 1.00 अंक से बढ़ाकर 1.50 अंक, सुपर स्पेशियलिटी छात्रों के स्नातक (जीएसएस) में 12.18 अंक से 12.25 की वृद्धि, क्षेत्रीय विविधता (आरडी) में 12.36 अंक से 15.47 अंक तक की वृद्धि तथा महिला विविधता (डब्ल्यूडी) में 24.74 अंक से 24.80 अंक तक वृद्धि हासिल की है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश सरकार का एकमात्र संस्थान है, जिसने रणनीतिक योजना के साथ कड़ी मेहनत की और वर्ष 2023 से 2024 में 7वीं से छठी रैंक हासिल की। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. आर.के. धीमन के मार्गदर्शन मे प्रो शालीन कुमार, डीन, और लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण बाजपेयी, वीएसएम, कार्यकारी रजिस्ट्रार, के सहयोग से संस्थान के अस्पताल प्रशासन विभाग ने इसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा एनआईआरएफ रैंकिंग आवेदन प्रक्रिया में अस्पताल प्रशासन विभाग के रेजिडेंट्स चिकित्सको का भी बहुत बड़ा योगदान रहा।