लखनऊ। सीतापुर रोड स्थित साढ़ामऊ चिकित्सालय में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों एवं स्वास्थ्य मंत्री को प्रेषित शिकायती पत्र में परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने प्रसव के नियत समय से पूर्व जबरन ऑपरेशन कर दिया। इससे नवजात की मौत हो गयी तथा प्रसूता की हालत गंभीर हो गयी। प्रसूता की हालत बिगड़ती देख डाक्टर ने उसे डिस्चार्ज भी कर दिया।
बख्शी का तालाब के देवरई रुखड़ा गांव की रहने वाली गर्भवती आरती को मंगलवार को साढ़ामऊ चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। परिजनों के अनुसार चिकित्सालय में मौजूद डॉ. पूजा सिंह ने आरती के ऑपरेशन की बात कही। परिजनों ने कहा कि अभी गर्भ का समय पूरा नहीं हुआ है लेकिन चिकित्सक ने उनकी बातों को अनसुना करते हुए प्रसव के लिए ऑपरेशन को जरूरी बताया। चिकित्सक के आगे चुप्पी साधते हुए परिजनों ने ऑपरेशन के लिए हामी भर दी और देर शाम ऑपरेशन हो गया। ऑपरेशन के दौरान ही नवजात की मौत हो गयी। नवजात की मौत की सूचना मिलने पर परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे परिजन अभी हंगामा कर ही रहे थे डॉक्टरों ने प्रसूता की गंभीर हालत बताते हुए उसे जबरन डिस्चार्ज कर दिया। परेशान व हताश परिवार वाले आरती को लेकर क्वीन मेरी चिकित्सालय चले गए। आरती का क्वीन मेरी में इलाज चल रहा है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई हैं। बताया जा रहा है कि डॉक्टर पूजा के रवैये से चिकित्सालय के अन्य डॉक्टर व कर्मचारी भी परेशान हैं। चिकित्सालय प्रशासन का कहना है कि नवजात काफी कमजोर था जिस कारण उसकी मौत हो गयी। प्रसूता को गंभीर हालत में डिस्चार्ज किए जाने के मामले में उनका कहना है कि उसका इलाज चिकित्सालय में उचित प्रकार नहीं हो सकता था इसी कारण उसे क्वीन मेरी रेफर कर दिया गया था।
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