Saturday , November 9 2024

परिवार नियोजन को भी मिशन की तरह लेने की आवश्यकता

संसाधनों और जनसंख्या का तारतम्य बिठाना मुश्किल होगा : रीता बहुगुणा जोशी

 

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृ-शिशु कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है कि भारत विश्व की तेजी से बढ़ती आर्थिक शक्ति है लेकिन यदि हमारी जनसंख्या इसी तरह बढ़ती रही तो संसाधनों और जनसंख्या का तारतम्य बिठाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि आज परिवार नियोजन को भी मिशन की तरह लेने की आवश्यकता है।

 

रीता बहुगुणा जोशी ने यह बा‍त आज यहां गोमतीनगर स्थित एक होटल में आयोजित राज्य स्तरीय शहरी परिवार कल्याण सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए अपने समबोधन में कही। इस सम्मेलन का आयोजन परिवार कल्याण विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश द्वारा अपने तकनीकी सहयोगी कार्यक्रम, “द चैलेंज इनिशिएटिव फॉर हेल्दी सिटीज” के माध्यम से किया गया।

 

उन्‍होंने कहा कि शहरीकरण आज के समय की सच्चाई है और जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ता है वैसे वैसे शहरी मलिन बस्तियों की संख्या भी बढती है। प्रमाण बताते हैं कि शहरी गरीबों की आबादी की वृद्धि दर कुल जनसँख्या वृद्धि दर की कई गुना अधिक होती है। तेजी से बढ़ती मलिन बस्तियां और स्वास्थ्य जोखिम वाले समुदायों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के सामने बड़ी चुनौती है जिसके समाधान के लिए नए और विशिष्ट तरीके ढूँढ़ने की आवश्यकता है।

 

इस अवसर पर मिशन निदेशक पंकज कुमार ने बताया कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अपने तकनीकी सहयोगी कार्यक्रम, “द चैलेंज इनिशिएटिव फॉर हेल्दी सिटीज” के साथ मिलकर प्रदेश के गरीब और वंचित समुदायों के लिए  स्वास्थ्य और परिवार नियोजन सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिए नयी रणनीतियों पर काम कर रहा है। इसके अंतर्गत 9 ऐसी प्रामाणिक गतिविधियों का चुनाव किया गया है, जो प्रत्येक शहरी गरीब तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने में सहायक हैं। इन गतिविधियों को कैसे क्रियान्वित किया जाए, इसके लिए 9 टूल्स को भी विकसित किया गया हैं। सम्मेलन में मंत्री महोदया ने इसकी दिग्दर्शिका का अनावरण भी किया।

 

कार्यक्रम में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश पंकज कुमार, महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. नीना गुप्ता एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित करीब 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सम्मलेन में हुये तकनीकी सत्रों में शहरी परिवार नियोजन पर व्यापक चर्चा हुयी।