-तीन दिवसीय यूपीएसीकॉन-2022 में नयी-नयी विधियों से विभिन्न सर्जरी पर हुए व्याख्यान
-पहली बार दिया गया लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड व ऐमिनेंट सर्जिकल टीचर्स पुरस्कार
सेहत टाइम्स
लखनऊ। एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया लखनऊ चैप्टर द्वारा 14 से 16 अक्टूबर तक आयोजित किया गया तीन दिवसीय यूपीएसीकॉन-2022 आज समाप्त हो गया। हमारे लिए यह खुशी की बात है कि हम इस 48वीं कॉन्फ्रेंस की थीम ‘सेफ सर्जरी सेफ लाइव्स’ का मैसेज सर्जरी की दुनिया के उन खास लोगों तक पहुंचाने में कामयाब रहे जो इसे नये तैयार हो रहे सर्जर्न्स तक आगे बढ़ाने में सक्षम हैं।
यहां केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) एवं एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया लखनऊ चैप्टर द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस के आयोजन अध्यक्ष डॉ एचएस पाहवा ने बताया कि जैसा कि सभी जानते हैं कि इस कॉन्फ्रेंस का प्रमुख उद्देश्य मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच के जरिए विभिन्न विशेषज्ञ सर्जन्स को एक मंच पर उपस्थित कर समग्र सर्जरी का कांसेप्ट पैदा करना था। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि चूंकि शरीर एक है, उसके अलग-अलग अंगों पर एक ही बीमारी का क्या असर पड़ता है, ऐसे में इसके प्रबंधन के लिए विभिन्न अंगों की सर्जरी करने वाले सभी सर्जन को एक टीम वर्क के रूप में कार्य करने का प्रोत्साहन देना चाहिये। इसीलिए इस कॉन्फ्रेंस में हर अंग की सर्जरी के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया गया है।
उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस अपने उद्देश्य में सफल हुई है क्योंकि इसमें तीन संस्थानों के मुखिया केजीएमयू के कुलपति ले.ज.डॉ बिपिन पुरी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो तारिक मंसूर तथा अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजीव मिश्रा के साथ ही डीएनबी परीक्षा आयोजित कराने वाले नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन के नेशनल वाइस प्रेसीडेंट डॉ एसके मिश्रा शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ऐसी हम सबको आशा है कि चूंकि ये सभी दिग्गज एकेडमी इंस्टीट्यूशंस से जुड़े हुए लोग हैं, जो आज की जरूरत मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच का महत्व समझते हुए इस सोच को आगे बढ़ायेंगे।
उन्होंने बताया कि कोविड के बाद पहली बार भौतिक रूप से हुई इस कॉन्फ्रेंस में कुल 640 रजिस्ट्रेशन हुए इनमें 150 सुपर स्पेशियलिटी स्तर की फैकल्टी हैं। उन्होंने बताया कि यहां प्रस्तुत किये गये पेपर्स, लेक्चर्स, सर्जरी वर्कशॉप से नये सर्जन्स को बहुत कुछ सीखने-समझने का अवसर मिला।
डॉ एचएस पाहवा ने बताया कि पहली बार यूपीएएसआई के द्वारा तीन अति वरिष्ठ सर्जन प्रोफेसर आरपी शाही, प्रोफेसर वीएस राजपूत और प्रोफेसर रमाकांत को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया तथा प्रो विनोद जैन को यूपीएएसआई के एमिनेंट सीनियर सर्जिकल टीचर का अवॉर्ड दिया गया।
आयोजन सचिव डॉ अक्षय आनंद ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के तीसरे और अंतिम दिन आज रविवार को फ्री पेपर प्रेजेंटेशन हुए। उन्होंने बताया इंगुइनल हर्निया, हेपेटो बिलियरी, कोलोरेक्टल सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी, यूरोलॉजी, मिनिमली इनवेसिव एंड बेरियाट्रिक सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक हर्निया सर्जरी और प्रॉक्टोलॉजी पर संभाषण आयोजित हुए। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त आज मेडिकल स्नातकोत्तर छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी का आयोजन हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि आज कॉन्फ्रेंस का समापन समारोह एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा सचिव डॉ निखिल सिंह, केजीएमयू जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अभिनव अरुण सोनकर सहित अनेक सर्जन्स की उपस्थिति में हुआ।
उन्होंने बताया कि केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एसएन संखवार ने आयोजन अध्यक्ष प्रो हरविंदर एस पाहवा, आयोजन सचिव डॉ अक्षय आनंद तथा आयोजन सचिव डॉ अजय कुमार पाल को कॉन्फ्रेंस की सफलता के लिए बधाई दी। आयोजन सचिव डॉ अक्षय आनंद तथा सह सचिव डॉ अजय कुमार पाल ने सबका धन्यवाद अदा किया।