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टीकाकरण मिशन में योद्धा के रूप में भागीदारी निभायें मीडिया बंधु : डॉ पिंकी जोवल

-नेशनल हेल्‍थ मिशन में आयोजित मीडिया कार्यशाला में मिशन निदेशक की अपील

-यूपी के सभी 75 जिलों में 7 अगस्‍त से शुरू हो रहा है सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0

 

धर्मेन्‍द्र सक्‍सेना
लखनऊ। नेशनल हेल्‍थ मिशन एनएचएम की उत्‍तर प्रदेश में मिशन निदेशक डॉ पिंकी जोवल ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकार बन्धुओं एवं छायाकारों से अपील की है कि वे भी कल 7 अगस्‍त से शुरू हो रहे सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 5.0 में योद्धा के रूप में शामिल होते हुए उत्‍तर प्रदेश के विकास एवं टीकाकरण अभियान में अपना योगदान दें। उन्‍होंने आग्रह किया कि भारत के विश्‍व गुरू बनने के लिए उत्‍तर प्रदेश का योगदान आवश्‍यक है। उत्तर प्रदेश के स्वस्थ बच्चे ही आने वाले भारत का भविष्य हैं। अतः हमें इस अभियान को एक सुअवसर के रूप में लेना होगा। निश्चित ही सफल टीकाकरण कार्यक्रम प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखने में कारगर सिद्ध होगा। साथ ही मिशन निदेशक ने अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा एक स्वास्थ्य योद्धा के रूप में कार्य करते हुए उनके द्वारा प्रदेश के सभी नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।

 

मीडिया की बात सभी सुनते और मानते हैं

मिशन निदेशक ने यह अपील आज 6 अगस्‍त को एपी सेन रोड स्थित राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के कार्यालय पर आईएमआई-5.0 के लॉन्च और जन-जागृति लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश और स्वयंसेवी संगठन यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला की अध्‍यक्षता करते हुए की। उन्‍होंने कहा कि मीडिया की बात सभी सुनते हैं, उनकी सर्वमान्‍यता और सर्वग्राह्यता है, ऐसे में प्रदेश के सभी बच्‍चों को समय से टीकाकरण करके उनके अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य में महत्‍वपूर्ण योगदान देना एक तरह से हम सबकी जिम्‍मेदारी भी है, क्‍योंकि यही बच्‍चे कल प्रदेश और देश में उच्‍च पदों पर पहुंचकर देश के विकास में अपना योगदान देंगे, उस राष्‍ट्र को मजबूत बनायेंगे जिसमें हम रहते हैं।

अब तक टीकाकरण से छूटे पांच वर्ष तक के बच्‍चों को लगने हैं टीके

टीकाकरण अभियान राज्य के सभी 75 जिलों में तीन चरणों (7-12 अगस्त), (11-16 सितंबर) और (9-14 अक्टूबर) 2023 में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान के तहत टीकाकरण कवरेज के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए 0-5 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए सभी छह कार्य दिवसों पर टीकाकरण किया जाएगा। इस कार्यशाला में प्रभारी महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ शालिनी गुप्ता, डा0 संदीपा श्रीवास्तव, अपर निदेशक, यू0आई0पी0, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ0 अजय कुमार गुप्ता, और महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण, डॉ0 मनोज कुमार शुक्ल ने भी प्रतिभाग किया। डॉ0 पिंकी जोवल ने मीडिया की सक्रिय भागीदारी का आहवान करते हुए कहा कि सघन मिशन इन्द्रधनुष-5.0 में प्रत्येक बच्चे को जीवन रक्षक टीके मिलें, इसके लिए 5 वर्ष की आयु तक के टीकाकरण से वंचित बच्चों को समस्त बाकी खुराकें देने और लक्षित गर्भवती महिलाओं को लक्ष्य में शामिल किया गया है।

मिजिल्‍स और रूबेला के दिसम्‍बर 2023 तक उन्‍मूलन का लक्ष्‍य

उन्‍होंने बताया कि मिजिल्स और रूबेला उन्मूलन के दृष्टिगत विशेष रूप से एम0आर0-1 एवं 2 के साथ ही पीसीवी, एफआईपीवी-3 डीपीटी-1 बूस्टर एवं डीपीटी-5 वर्ष एवं टीडी 10/16 खुराक के कवरेज में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस पहल का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक देश के खसरा रूबेला उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में खसरा और रूबेला युक्त वैक्सीन (एम0आर0सी0वी0) की दो खुराक का 95 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज प्राप्त करना है।

15 से 20 हजार तक के टीके मुफ्त में लगवाने का मौका

मिशन निदेशक ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण के स्तर में कमी को पूरा करने के लिए सभी जिला चिकित्सालयों, सरकारी, शहरी, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर दैनिक टीकाकरण की सुविधा भी शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जा रहे निःशुल्क टीकाकरण से किसी भी परिवार में मात्र एक बच्चे के लिए टीकाकरण कराने पर औसतन 15 से 20 हजार रुपये की आर्थिक बचत के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं उनकी उत्पादकता में सुधार होता है। उत्तर प्रदेश सरकार उन छूटे हुए या आंशिक रूप से प्रतिरक्षित बच्चों का टीकाकरण करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जो कोविड महामारी के दौरान टीकाकरण से चूक गए थे। छूटे हुए बच्चों को कवर करने के लिए जनवरी, फरवरी और मार्च 2023 में भी राज्य भर में विशेष टीकाकरण अभियान आयोजित किए गए थे।

2.32 करोड बच्चों तथा 3.88 लाख गर्भवती महिलाओं को किया गया है चिन्हित

कार्यशाला के दौरान अवगत कराया गया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत बाल मृत्यु-दर को कम करने के उद्देश्य से बच्चों को विभिन्न संक्रमणों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए विभिन्न प्रकार के टीकों से आच्छादित किया जाता है। प्रदेश के समस्त जनपदों में आईएमआई-5.0 के आयोजन से पूर्व समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण से छूटे हुए 0-5 साल तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के चिन्हीकरण हेतु आशा/लिंक वर्कर द्वारा घर-घर भ्रमण कर 2.32 करोड बच्चों तथा 3.88 लाख गर्भवती महिलाओं से सम्बन्धित सूचना निर्धारित प्रपत्र पर अंकित किया गया। आशा द्वारा एवं ऐसे क्षेत्र जहां आशा के पद रिक्त हैं, में लिंक वर्कर द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर सर्वे करते हुए आईएमआई-5.0 सत्रों को नियोजित करने के लिए एएनएम के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर सूचनाएं प्रेषित की जाएंगी। ब्लॉक स्तर पर संकलित सूचना के आधार पर आईएमआई-5.0 के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी हैं। कार्ययोजना तैयार करते समय ऐसे पुरवे, मजरे, टोले, मोहल्ले, ईट-भट्टे, घुमन्तू/प्रवासी बाहुल्य क्षेत्र/अन्य स्थान जहां पर छूटे हुए बच्चों की संख्या अधिक है, में अभियान के दौरान विशेष रूप से टीकाकरण सत्र आयोजित किये जा रहे हैं।

आईएमआई-3.0 और आईएमआई 4.0 के पिछले दौर ने भारत को 2021 और 2022 में टीकाकरण कवरेज में महत्वपूर्ण प्रगति करने में मदद की है। जैसा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज (डब्ल्यूयूएनआईसी) रिपोर्ट के नवीनतम डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ अनुमानों से पता चला है। देश ने 2021 में शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या को 2.7 मिलियन से सफलतापूर्वक घटाकर 1.1 मिलियन कर लिया है। यह उपलब्धि भारत को विश्व स्तर पर वैक्सीन के प्रति सबसे अधिक विश्वास वाले देशों में रखते हुए टीकाकरण के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि बुधवार एवं शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र निर्धारित माइक्रोप्लान के अनुसार यथावत् संचालित होंगे। जनपदों को यह भी सुनिश्चित करने को निर्देशित किया गया है कि अभियान के दौरान स्थानीय अवकाश अथवा किसी अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम के संचालन के फलस्वरूप टीकाकरण कार्यक्रम बाधित होने की दशा में अग्रेतर दिवसों पर टीकाकरण सत्रों का आयोजन कर आई0एम0आई0-5.0 के समस्त नियोजित सत्रों का सम्पादन सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान की तैयारियों की समीक्षा राष्ट्रीय स्तर के पर्यवेक्षकों द्वारा की जा चुकी है। 31 उच्च प्राथमिकता वाले जनपदों में टीकाकरण की प्रगति की जांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए हैं। प्रदेश के 10 जनपदों में राष्ट्रीय स्तर से पर्यवेक्षक आकर टीकाकरण की स्थिति परखेंगे. टीकाकरण की दर बढाने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, धर्मगुरुओं, फिल्मी सितारों और समाज में प्रभावशाली लोगों द्वारा अपील जारी की गयी हैं। टीकाकरण के प्रति उदासीनता दिखाने वाले वाले लगभग 01 लाख परिवारों को यूनिसेफ, कोर, आशाओं और धर्मगुरुओं के सहयोग से प्रेरित कर टीकाकरण के इस महा-अभियान में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

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